जयसमंद झील के किनारे पर रूठी रानी का महल - Ruthi Rani Ka Mahal Jaisamand, इसमें जयसमंद झील के पास बने रूठी रानी के महल के बारे में जानकारी दी गई है।
महाराणा जय सिंह ने 17वीं शताब्दी में जयसमंद झील के निर्माण के समय इसके किनारे पर हवामहल के साथ एक और महल बनवाया था जिसे अब रूठी रानी के महल के नाम से जाना जाता है।
पहले इस महल को भी हवामहल के नाम से ही जाना जाता था क्योंकि ठंडी हवा आने के कारण इसमें भी गर्मी के मौसम में राजपरिवार के सदस्य रहने के लिए आते थे।
इस महल का नाम हवामहल से रूठी रानी के महल में बदलने के बारे में बताया जाता है कि महाराणा जयसिंह ने अपनी पँवार रानी के रूठ जाने पर यह महल उसे दे दिया। बाद में यह रानी इस महल में स्थाई रूप से ही रहने लग गई जिस वजह से इसे रूठी रानी का महल कहा जाने लगा।
रूठी रानी के महल से जयसमंद झील के साथ घने जंगल का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। यह महल भी हवामहल के जैसी हालत में ही मौजूद है।
रूठी रानी का महल जयसमंद सेंचुरी के काफी अंदर बना हुआ है जहाँ पर आपको पैंथर और ममगरमच्छ जैसे कई तरह के जंगली जानवर दिखाई दे सकते हैं
जयसमंद पाल से रूठी रानी के महल तक जाने के लिए झील के बगल से 2.5 किलोमीटर लंबा ट्रैक बना हुआ है।
हवामहल और रूठी रानी के महल की लोकेशन बड़ी शानदार है इसलिए इनमें कई फिल्मों जैसे खुद्दार, नसीब आदि के साथ कुछ राजस्थानी एल्बमों की शूटिंग भी हो चुकी है।
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
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