कोल्यारी की रक्षक देवी लोगरी माताजी - Logri Mata Avargarh Kolyari Udaipur

कोल्यारी की रक्षक देवी लोगरी माताजी - Logri Mata Avargarh Kolyari Udaipur, इसमें उदयपुर के झाड़ोल में कमलनाथ महादेव के पास लोगरी माता की जानकारी दी है।

Logri Mata Avargarh Kolyari Udaipur

उदयपुर के कोल्यारी गाँव के पास आवरगढ़ की पहाड़ियों में 800 मीटर ऊँचे पहाड़ की चोटी पर विराजित है लोगरी माताजी।

गाँव के लोगों में माताजी के प्रति अगाध श्रद्धा है और इन्हें कोल्यारी की रक्षक देवी के रूप में पूजा जाता है। गुजरात में इन माताजी को ब्राह्मणी माताजी के रूप में पूजा जाता है।

आवरगढ़ की पहाड़ियों में एक तरफ कमलनाथ महादेव तो दूसरी तरफ माता विराजती है। आपको बता दें कि आवरगढ़ वो जगह है जहाँ पर हल्दीघाटी के युद्ध के बाद महाराणा प्रताप रहे थे और कोल्यारी वो गाँव है जहाँ पर हल्दीघाटी के युद्ध में घायल हुए सैनिकों का इलाज हुआ था।

मंदिर पहाड़ियों से घिरे घने जंगल में है और इस तक जाने का रास्ता भी काफी दुर्गम है। पहाड़ की खड़ी चढ़ाई चढ़ते समय कुछ जगह तो ऐसी आती है जब दोनों तरफ गहरी खाई और नुकीले पत्थरों को केवल एक छोटी सी पगडंडी से पार करना पड़ता है।

रास्ता काफी कठिन होने के बावजूद बताया जाता है कि माता के आशीर्वाद से आज तक कोई हादसा नहीं हुआ है। यहाँ पर एक बावड़ी (वेरी) भी बनी हुई है जिसमें हमेशा पानी भरा रहता है।

पहाड़ की चोटी के आसपास मधुमक्खियों के बड़े-बड़े छत्ते हैं जिन्हें माताजी की सेना माना जाता है। बताया जाता है कि इन मधुमक्खियों ने आज तक किसी भी श्रद्धालु पर हमला नहीं किया है।

ऐसा कहा जाता है कि पुराने समय में जब गाँव में डाका (धाड़ा) डाला जाता था तब माताजी की मधुमक्खियों की ये सेना गाँव के दोनों तरफ आकर लुटेरों से गाँव की रक्षा करती थी।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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