महाराणा राज सिंह की याद में बना यह मंदिर - Raj Rajeshwar Mahadev Mandir Debari, इसमें उदयपुर के देबारी दरवाजे के पास महादेव मंदिर की जानकारी दी गई है।
उदयपुर में देबारी दरवाजे के सामने ऊँची जगती यानी प्लेटफॉर्म पर प्राचीन राजराजेश्वर महादेव मंदिर बना हुआ है। कई खंभों पर टिके इस भव्य मदिर के गर्भगृह में काले पत्थर से बना चारमुखी शिवबाण मौजूद है।
शिवबाण प्रतिमा के चारों मुख अलग-अलग तरह के चार भाव दर्शाते हैं जिनमें पूर्व में शांति रस, दक्षिण में रौद्र रस, पश्चिम में प्रेम रस और उत्तर में अद्भुत रस का भाव है।
मंदिर में स्तंभों के साथ कई जगह पर सुंदर प्रतिमाएँ लगी हुई हैं जो मंदिर की सुंदरता में चार चाँद लगा देती हैं।
अब हम मंदिर के सामने बनी हुई बावड़ी के बारे में बात करते हैं। ये बावड़ी एक मुखी है जिसमें 48 सीढ़ियाँ बनी है। बावड़ी में खंभों से बने दो मंडप, 3 परिधि और 29 ताके हैं।
बावड़ी की इन ताको में कई देवी देवताओं की मूर्तियाँ लगी हुई थी लेकिन अब इनमें कुछ ही बची हैं, जो बची हैं उनमें गजलक्ष्मी, हनुमान, गणेश, विष्णु, काली माता और कार्तिकेय शामिल हैं।
बावड़ी का एक हिस्सा और इसके पास मौजूद धर्मशाला को हाईवे बनाते समय तोड़ दिया गया है। राजराजेश्वर मंदिर और इस बावड़ी के साथ एक धर्मशाला का निर्माण महाराणा राजसिंह की मृत्यु के बाद उनकी माताजी बख्त कँवर या बख्त कुँवरी ने जनकल्याण के लिए करवाया था।
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
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