इस हवेली में है दुनिया की सबसे बड़ी पगड़ी - Bagore Ki Haveli

इस हवेली में है दुनिया की सबसे बड़ी पगड़ी - Bagore Ki Haveli, इसमें उदयपुर की सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध बागोर की हवेली की जानकारी दी गई है।

Bagore Ki Haveli

उदयपुर में बागोर की हवेली स्थापत्य कला के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने के लिए भी जानी जाती है। इस हवेली में 138 कमरे, झरोखे, सजे हुए मेहराब, गलियारे, चौक एवं लम्बे चौड़े बरामदे बने हुए हैं।

वर्तमान में यह हवेली पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के अंतर्गत आती है और अब इसने एक म्यूजियम का रूप ले लिया है। म्यूजियम के साथ-साथ शाम के समय इसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं।

शाम के समय यहाँ का माहौल काफी सांस्कृतिक हो जाता है क्योंकि शाम के समय नीम चौक में धरोहर फोक डांस शो का आयोजन होता है।

हवेली में कठपुतलियों का एक म्यूजियम है जिसे कठपुतली संसार का नाम दिया गया है। इसमें हजारों की संख्या में छोटी बड़ी, रंग बिरंगी कठपुतलियाँ मौजूद है। इन कठपुतलियों में राजा रानी के साथ-साथ राज दरबार के सदस्य, नर्तकियाँ और हाथी घोड़े शामिल हैं।

हवेली में राजा रजवाड़े के जमाने के शतरंज, चौपड़, सांप सीढ़ी और गंजीफे आज भी मौजूद हैं, जिसका उपयोग राजपरिवार की महिलाएं खेल, व्यायाम तथा मनोरंजन के लिए किया करती थीं।

ग्राउंड फ्लोर पर एक कक्ष में विभिन्न प्रकार की छोटी बड़ी पगड़ियाँ रखी हुई है। इन पगड़ियों में से एक पगड़ी को दुनिया की सबसे बड़ी पगड़ी बताया जाता है। इस पगड़ी का वजन 30 किलो बताया जाता है।

इस हवेली का निर्माण मेवाड़ के तत्कालीन प्रधानमंत्री अमर चंद बड़वा ने 1751 से 1778 के दौरान करवाया गया। प्रधानमंत्री अमरचंद बड़वा राजपूत ना होकर एक उच्च कुलीन सनाढ्य ब्राह्मण थे।

बागोर की हवेली ऐतिहासिक एवं प्राचीन इमारत के पुनर्निर्माण एवं संरक्षण का एक ज्वलंत उदाहरण कही जा सकती है।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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