सांभर झील में घूमने की जगह - Sambhar Lake Tourist Places

सांभर झील में घूमने की जगह - Sambhar Lake Tourist Places, इसमें सांभर झील में घूमने की जगहों जैसे शाकंभरी माता, देवयानी सरोवर आदि की जानकारी दी गई है।

Sambhar Lake Tourist Places

सांभर झील लगभग 200 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैली हुई एक ऐसी ऐतिहासिक जगह है जहाँ पर चार पौराणिक धार्मिक जगह है जिन्हें आपको जरूर देखना चाहिए।

इन धार्मिक जगहों में शाकंभरी माता के मंदिर का नाम सबसे पहले आता है। झील के बीच में शाकंभरी माता मंदिर के रूप में सिद्ध शक्ति पीठ मौजूद है जिसे शाकंभरी के अलावा सांभवी और समराय माता के नाम से भी जाना जाता है। माता को अजमेर के चौहान वंश की कुलदेवी माना जाता है।

शाकंभरी माता के मंदिर के बाद दूसरा नाम देवयानी कुंड का है। देवयानी दैत्यगुरु शुक्राचार्य की पुत्री थी जिस वजह से इस कुंड को सभी तीर्थों की नानी का दर्जा दिया गया है।

देवयानी कुंड को पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है। कुंड में चारों तरफ एक दर्जन से ज्यादा घाट बने हुए हैं और कई मंदिर बने हुए हैं जिनमें एक मंदिर देवयानी का खुद का भी है।

बताया जाता है कि महाभारत के युद्ध के बाद अश्वथामा ने इस जगह पर तपस्या करके स्नान किया था। कुंड पर आज भी अश्वथामा का चबूतरा बना है और बताया जाता है कि इस चबूतरे पर बैठकर ही उन्होंने तपस्या की थी।

देवयानी कुंड के बाद तीसरा नाम शर्मिष्ठा सरोवर का है। शर्मिष्ठा दैत्यराज वृषपर्व की पुत्री और राजा ययाति की पत्नी थी। शर्मिष्ठा सरोवर को भी बड़ा पवित्र माना जाता है लेकिन देवयानी सरोवर के सामने इसका महत्व काफी कम रह गया है।

शर्मिष्ठा सरोवर के बाद चौथा नाम संत दादू दयाल की साधना स्थली का है। सांभर झील के बीच में एक छतरी के रूप में संत दादू दयाल की साधना स्थली बनी हुई है। कहते हैं कि दादू दयाल ने इस जगह पर 12 सालों तक तपस्या की थी। छतरी के अंदर दादू दयाल के चरण चिन्ह बने हुए हैं।

दादू दयाल को राजस्थान का कबीर कहा जाता है। इस छतरी तक जाने के लिए नमक की क्यारियों के बीच बने रास्ते से होकर जाना पड़ता है।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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