गहरी खाई से घिरा है रींगस फोर्ट - Reengus Fort

गहरी खाई से घिरा है रींगस फोर्ट - Reengus Fort, इसमें रींगस कस्बे में मौजूद गहरी खाई से घिरे हुए मजबूत परकोटे वाले किले के बारे में जानकारी दी गई है।

Reengus Fort

क्या आपको पता है कि रींगस कस्बे में एक गढ़ भी बना हुआ है जिसे रींगस फोर्ट के नाम से जाना जाता है। यह फोर्ट रींगस कस्बे के अन्दर आजाद चौक में बना हुआ है।

किसी समय इस गढ़ के अन्दर पुलिस थाना स्थित था। वर्तमान में इस गढ़ में बालाजी का मंदिर बना हुआ है जिसे परचा वाले गढ़ के बालाजी के नाम से जाना जाता है।

पुराने समय में सुरक्षा के लिए इस फोर्ट के चारों तरफ गहरी खाई बनी हुई थी परन्तु अब यह खाई मलबे से भर दी गई है। मुख्य दरवाजे के पास खाई होने का आभास होता है।

इस फोर्ट के चारों तरफ गोलाकार आकृति की बुर्जों युक्त मजबूत परकोटा बना हुआ है। परकोटे एवं बुर्जों की दीवारों की चौड़ाई काफी ज्यादा है जिसकी वजह से गढ़ काफी सुरक्षित दिखाई देता है।

पत्थर और चूने से निर्मित इन बुर्जों की बनावट की वजह से यह फोर्ट दूर से काफी दर्शनीय प्रतीत होता है। बुर्ज के रास्ते से अन्दर जाने पर मुख्य दरवाजा आता है। इस दरवाजे से प्रवेश करने पर अन्दर काफी बड़ा एवं खुला चौक मौजूद है।

चौक के एक तरफ बालाजी का मंदिर स्थित है जिसमें अकसर कस्बे की महिलाएँ पूजा पाठ एवं भजन करती दिखाई दे जाती है। चौक से ऊपर जाने के लिए दो तीन तरफ सीढ़ियाँ बनी हुई है।

ऊपर से बुर्ज को देखने पर इसकी भव्यता का एक अलग ही अहसास होता है। ऊपर की तरफ कुछ कमरे एवं एक मुख्य कक्ष बना हुआ है। यह मुख्य कक्ष थोड़ी भव्यता लिए हुए है।

शायद यह कक्ष इस गढ़ के मुखिया का निवास स्थान रहा होगा। अगर इस गढ़ की प्रसिद्धि के विषय में बात की जाए तो आस पास के लोगों को भी इसके विषय में ढंग से पता नहीं है।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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