सूरज की दिशा में घूम जाता है ये शिवलिंग - Maleshwar Mahadev Mandir

सूरज की दिशा में घूम जाता है ये शिवलिंग - Maleshwar Mahadev Mandir, इसमें सामोद के आगे महारकलाँ गाँव में मौजूद मालेश्वर महादेव मंदिर की जानकारी दी है।

Maleshwar Mahadev Mandir

सामोद के पहाड़ के दूसरे किनारे पर महार कला गाँव में मालेश्वर महादेव मंदिर के आसपास का एरिया बारिश के मौसम में काफी सुंदर जगह में बदल जाता है और मंदिर के आसपास झरने बहने लग जाते हैं।

इन झरनों की वजह से यहाँ का नजारा अत्यंत मनमोहक हो जाता है। इस मंदिर के आस पास प्राकृतिक रूप से निर्मित चार कुंड मौजूद हैं। इन कुंडो के बारे में कहा जाता है कि इनमें बारह महीने पानी भरा रहता है तथा ये कभी भी खाली नहीं होते हैं।

इस स्थान को पौराणिक बताया जाता है, जिसका उल्लेख शिव पुराण में भी है। कहा जाता है कि यह गाँव पौराणिक काल में राजा सहस्रबाहु की माहिषपुरी या महिशमति नगरी हुआ करती थी। इसी वजह से इस मंदिर का नाम मालेश्वर महादेव मंदिर पड़ा।

इस मंदिर का नाम मालेश्वर होने का एक अन्य कारण यह भी है कि यह मंदिर तीन तरफ से अरावली की जिन सुरम्य पहाड़ियों से घिरा हुआ है उन्हें मलयागिरी के नाम से जाना जाता है।

कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण संवत 1101 में माचेडी महाराज के परिवार ने करवाया था जिसमें स्वयंभू लिंग विराजमान है।

यह शिवलिंग सूर्य की गति के अनुसार घूमने की वजह से देश भर में अनूठा है। कहा जाता है कि यह शिवलिंग जब सूर्य उत्तरायण में होता है तो उत्तर दिशा और जब सूर्य दक्षिणायन में होता है तो दक्षिण दिशा में झुक जाता है।

मुगलकाल में बादशाह औरंगजेब के समय इस मंदिर को भी तोड़ा गया था जिसके प्रमाणस्वरूप शेषनाग की शैया पर माता लक्ष्मी के साथ विराजमान भगवान विष्णु की खण्डित मूर्ति आज भी मौजूद है।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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