जमीन के ऊपर और नीचे प्राचीन श्याम मंदिर - Khatu Shyam Mandir Mundru

जमीन के ऊपर और नीचे प्राचीन श्याम मंदिर  - Khatu Shyam Mandir Mundru, इसमें धरती के अंदर प्राचीन खाटू श्याम मंदिर के बारे में जानकारी दी गई है।

Khatu Shyam Mandir Mundru

सीकर जिले की श्रीमाधोपुर तहसील में स्थित मूंडरु कस्बे के बीचों-बीच श्याम बाबा का मंदिर है जिसे प्राचीन श्याम मंदिर के नाम से जाना जाता है।

इस श्याम मंदिर की विशेष बात यह है कि यहाँ पर जमीन के ऊपर और उसके नीचे अलग-अलग दो मंदिर हैं जिनमें बाबा श्याम के दो अलग-अलग शीशों की पूजा की जाती है।

इन दोनों मंदिरों में जमीन के नीचे मूल मंदिर स्थित है जिसमें जाने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई हैं। मन्दिर का जीर्णोद्धार करते समय मूल मंदिर को इसके मौलिक स्वरूप में यथावत रखा गया।

जीर्णोद्धार के पश्चात मूल मंदिर के ऊपर बनाया हुआ नया मंदिर काफी भव्यता लिए हुए है। मंदिर के शिखर का निर्माण व शीशा जड़ाई का भव्य कार्य जन सहयोग से पूर्ण कराया गया।

कहा जाता है कि भौगोलिक परिवर्तनों के कारण बाबा श्याम का मूल मन्दिर धरती के गर्भ में समा गया था। साठ के दशक में मूसलाधार वर्षा होने के कारण गाँव में एक जगह जमीन धँस जाने की वजह से गहरा गड्ढा हो गया जिसमें एक मन्दिरनुमा ढाँचा दिखाई दिया।

बाद में खुदाई करने पर वहाँ बाबा श्याम का प्राचीन मन्दिर अपने मूल स्वरूप में निकल आया। मंदिर और इसके गर्भगृह की चूने व पत्थर से निर्मित दीवारों की मोटाई व सीलन की गंध आज भी इस मंदिर के प्राचीन होने का प्रमाण देती है।

ऐसा कहा जाता है कि मूंडरु के ठाकुर हरदेराम को एक रात सपने में किसी स्थान पर बर्बरीक का शीश दबा होने का आभास हुआ। बाद में उस स्थान पर खुदाई करवाने पर वहाँ से बर्बरीक का शीश रूपी पत्थर निकला।

ठाकुर साहब ने 1599 ईस्वी (विक्रम संवत् 1656) में खुदाई वाली जगह पर शीश की स्थापना करवाकर श्याम मंदिर का निर्माण करवाया।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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