भक्त के लिए जगदीशपुरी आए भगवान जगन्नाथ - Jagdish Mandir Jagadishpuri, इसमें अजीतगढ़ के पास जगदीश पूरी की पहाड़ियों में जगदीश मंदिर की जानकारी दी गई है।
अजीतगढ़ कस्बे के पास में स्थित अरावली की पहाड़ियों में जगदीशपुरी गाँव की पहाड़ी पर जगदीश मंदिर बना है।
कहते हैं कि जगदीशजी के दर्शन करने के बाद जगन्नाथ पुरी जाने की जरूरत नहीं है। भगवान जगन्नाथ खुद जगदीशजी के रूप इस जगह पर विराजमान है। इस जगह को जगदीश धाम के नाम से जाना जाता है।
जगदीशपुरी से मंदिर तक का रास्ता पहाड़ों के बीच से होकर गुजरता है जो काफी वीरान है। सड़क के एक तरफ बरसाती नदी के लिए खाई बनी हुई है। बारिश के दिनों में यह रास्ता काफी शानदार हो जाता है।
पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई है। वाहनों के लिए बगल से एक पथरीली कच्ची सड़क बनी हुई है। इस सड़क पर वाहनों का ज्यादा आना-जाना नहीं है।
सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद भगवान जगदीश का मंदिर आता है। मंदिर में भगवान जगदीश साक्षात विराजमान हैं। पहाड़ी के एक अंश को जगदीशजी के रूप में पूजा जाता है। यह भगवान जगदीश का स्वयंभू रूप है।
एक दन्तकथा के अनुसार खोरी गाँव के केशव दास जी महाराज काफी बड़े संत थे। ये अपनी चमत्कारिक योग शक्ति से रोजाना जगन्नाथ पुरी जाकर भगवान जगन्नाथ के दर्शन किया करते थे।
वृद्धावस्था में इन्होंने भगवान जगन्नाथ को जगन्नाथपुरी आने में अपनी असमर्थता जताई। तब भगवान जगन्नाथ ने इन्हें इनके पास प्रकट होने का आश्वासन दिया।
बाद में जगदीशजी के रूप में भगवान जगन्नाथ इस पहाड़ी पर प्रकट हुए। जिस जगह ये प्रकट हुए थे उस जगह इनकी हाथनुमा आकृति बनी हुई है जिसमें से हमेशा पानी बहता रहता है।
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
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