गदा की जगह धनुष वाले हनुमानजी - Dhanushdhari Hanuman Mandir

गदा की जगह धनुष वाले हनुमानजी - Dhanushdhari Hanuman Mandir, इसमें जयपुर के धनुष धारण किए हनुमान जी के प्राचीन मंदिर के बारे में जानकारी दी गई है।

Dhanushdhari Hanuman Mandir

जयपुर शहर के पास ही अरावली की सुरम्य पहाड़ियों के बीच कई अनदेखे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद हैं। इन्हीं में से एक धार्मिक स्थल का नाम है धनुषधारी हनुमान मंदिर।

आमेर तहसील में मौजूद यह मंदिर चारों तरफ से रेत के बड़े-बड़े टीलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस मंदिर के पास की पहाड़ी को आकेडा डूंगर के नाम से जाना जाता है। यह जगह धार्मिक स्थल के साथ-साथ एक बेहतरीन पर्यटक स्थल भी है।

ऐसा बताया जाता है कि राजाओं के जमाने में किसी राजा ने इस जगह पर टाइगर से लड़कर उसे मार दिया था। बाद में राजा ने टाइगर पर जीत के प्रतीक के रूप में इस मंदिर को बनवाया।

इस मंदिर को धनुषधारी हनुमान मंदिर के अलावा बाघ बाघड़ी हनुमान मंदिर एवं निर्झरा हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में जो हनुमान जी की मूर्ति है, वह हनुमानजी के अन्य मंदिरों से काफी अलग है।

इस मूर्ति की खासियत यह है कि इस मूर्ति ने अपने कंधे पर एक धनुष धारण कर रखा है। सामान्यतः हनुमानजी का यह रूप किसी भी मंदिर में देखने को नहीं मिलता है।

मंदिर के सामने एक ऊँचे चबूतरे पर चरण पादुकाएँ बनी हुई हैं। जिस तरह हनुमानजी के ज्यादातर पहाड़ी मंदिरों में बन्दर मौजूद होते हैं ठीक उसी तरह से इस जगह पर भी बन्दर मौजूद हैं।

बारिश के मौसम में यह स्थान काफी शानदार हो जाता है। जब हम मंदिर के पास में स्थित रेत के टीलों पर चढ़कर चारों तरफ नजर दौड़ाते हैं तो इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता का पता चलता है।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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