क्या सचमुच ऐसे बनी थी सांभर झील? - Sambhar Lake History

क्या सचमुच ऐसे बनी थी सांभर झील? - Sambhar Lake History, इसमें जयपुर के पास सांभर की विश्व प्रसिद्ध खारे पानी की झील के बारे में जानकारी दी गई है।

Sambhar Lake History

सांभर में विराजी शाकंभरी माता का इतिहास हजारों साल पुराना है जिसका जिक्र महाभारत के साथ कई पुराणों में भी हुआ है। किवदंतियों के रूप में इस जगह का इतिहास रामायण काल से लेकर मुगल काल तक है।

एक किवदंती के अनुसार इस जगह का इतिहास सातवीं शताब्दी से जुड़ा है जब चौहान वंश के संस्थापक राजा वासुदेव ने अपनी कुलदेवी शाकंभरी माता के नाम पर शाकंभर सपादलक्ष नामक कस्बा बसाया।

बाद में समय के साथ इस कस्बे का नाम बदलकर सांभर हो गया। चौहान राजा अपने आपको संभरीशव यानी शाकंभरीराज कहलाना पसंद करते थे।

सांभर में नमक की झील बनने के पीछे एक और किवदंती प्रचलित है। इस किवदंती के अनुसार चौहान वंश के राजा वासुदेव चौहान की भक्ति से प्रसन्न होकर माता ने उन्हें एक वरदान दिया।

राजा ने जब धन-संपदा का भंडार मांगा तब माता ने कहा कि वह बिना पीछे देखे जितनी दूरी तक अपना घोड़ा दौड़ाएँगे, उतनी दूरी तक की जमीन धन-संपदा से भर जाएगी।

कहते हैं कि राजा ने अपना घोड़ा 12 कोस तक दौड़ाने के बाद पीछे मुड़कर देखा तो पूरी जमीन चाँदी की हो गई। बाद में जब राजा को चाँदी के लालच की वजह से होने वाले लड़ाई-झगड़ों का एहसास हुआ तो उन्होंने माता से यह वरदान वापस लेने को कहा।

माता ने दिया हुआ वरदान वापस लेने से मना कर दिया और कहा कि मैं इसे पक्की चाँदी की जगह कच्ची चाँदी में बदल देती हूँ। इसके बाद माता ने चाँदी की इस जमीन को कच्ची चाँदी यानी नमक में बदल दिया।

कहते हैं कि माता के आशीर्वाद से पूरे भारत में सिर्फ सांभर में ही प्राकृतिक रूप से नमक जमता है। आज भी यह झील देश का सबसे ज्यादा नमक पैदा करती है।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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