अलसीगढ़ में घूमने की जगह - Places to Visit in Alsigarh

अलसीगढ़ में घूमने की जगह - Places to Visit in Alsigarh, इसमें राजस्थान का कश्मीर कहे जाने वाले अलसीगढ़ में घूमने की जगहों के बारे में जानकारी दी गई है।

Places to Visit in Alsigarh

उदयपुर के पास अरावली की पहाड़ियों से घिरी हुई प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर अलसीगढ़ की पहाड़ियों में किला, झील, बाँध, झरने और फिल्मसिटी जैसी घूमने की जगह मौजूद है।

एक ऊँची पहाड़ी पर स्क्वायर शेप में अलसीगढ़ का किला बना हुआ है जिसके चारों तरफ परकोटा है। परकोटे के चारों किनारों पर मजबूत बुर्ज बनी है। इस परकोटे के बीच में काफी बड़ी खाली जगह है।

किले के अंदर कुछ कमरे बने हुए थे जो अब पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। रियासतकाल में यह गढ़ मेवाड़ रियासत का एक थाना हुआ करता था जिसमें मेवाड़ के सैनिक रहते थे।

ये सैनिक मेवाड़ के बाहर से आने वाले शत्रुओं पर निगरानी रखने के साथ-साथ आस पास के एरिया में कानून व्यवस्था बनाए रखते थे।

अलसीगढ़ का एक मुख्य आकर्षण यहाँ पर मौजूद झील है जिसे अलसीगढ़ लेक के नाम से जाना जाता है। यह झील काफी लंबी चौड़ी है।

पास की पहाड़ी के ऊपर से देखने पर इस झील की दूर दूर तक की सुंदरता नजर आती है। हरे भरे पहाड़ों के बीच यह झील काफी ज्यादा आकर्षक लगती है।

झील के पानी को रोकने के लिए एक तरफ बाँध बना है जिसे अलसीगढ़ डैम कहा जाता है। बारिश में जब यह झील पूरी तरह से भरकर छलक जाती है तब इस बाँध से पानी बहकर मानसी वाकल झील में चला जाता है।

अलसीगढ़ एरिया में दो मुख्य झरने हैं जिनमें से एक रायता की पहाड़ियों के पास होने की वजह से काफी प्रसिद्ध है। इस झरने पर रायता आने वाले टूरिस्ट काफी बड़ी संख्या में आते हैं।

इस झरने को किस नाम से जाना जाता है यह ऑफिशियली नहीं पता है लेकिन इंटरनेट पर कई जगह इसे लावित्रा वॉटरफॉल (Alsigarh Lavitra Waterfall) बताया जाता है।

अलसीगढ़ का दूसरा झरना अलसीगढ़ झील के आगे गोराणा की तरफ जाने वाली रोड़ पर है। इस झरने तक जाने के लिए झील से आगे घाटी में नीचे उतरना पड़ता है। नीचे राइट साइड में थोड़ा पैदल चलने पर झरना आ जाता है।

साल 2020 में एक खबर आई थी जिसके अनुसार अलसीगढ़ में एक फिल्मसिटी बन रही थी जिसमें सौ बीघा के एरिया में फिल्मसिटी का एक स्टूडियो कलाक्षेत्र बनकर तैयार हो चुका था।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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