खण्डेलवाल समाज का तीर्थ है यह धाम - Khandela Dham, इसमें सीकर के खंडेला कस्बे में बना खण्डेलवाल समाज के तीर्थ खंडेला धाम के बारे में जानकारी दी है।
सीकर जिले का खंडेला कस्बा ऐतिहासिक और धार्मिक जगह होने के साथ-साथ खंडेलवाल वैश्य समाज का उद्गम स्थल भी है। आज खंडेलवाल वैश्य समाज पूरे भारत में फैला हुआ है।
इस धाम में अंदर जाते ही सामने की तरफ गणेशजी का शानदार मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर 2004 में बना था। मंदिर के अन्दर गणेश जी की भव्य मूर्ति के साथ काँच की नक्काशी काफी आकर्षक है।
इसके पास ही एक ही शिला से बनी 25 टन वजनी कैलाशपति बालाजी की विशाल प्रतिमा है। इस प्रतिमा को देखकर ऐसा लगता है जैसे यहाँ पर बालाजी महाराज साक्षात मौजूद हैं।
बालाजी की प्रतिमा के पास ही इनका एक भव्य मंदिर बना हुआ है जिसके ऊपर एक बहुत बड़ी गदा रखी हुई है।बालाजी का यह मंदिर गणेश मंदिर के काफी सालों बाद बनाया गया है।
आगे एक सुंदर बगीचे के दो छोरों पर खंडेलवाल वैश्य के 72 गौत्रों की सभी 37 कुल देवियों के मंदिर बने हुए हैं। सभी मंदिरों में कुल देवियों की भव्य प्रतिमाएँ स्थापित है जिनकी दोनों समय पूजा एवं आरती होती है।
बगीचे के एक किनारे पर खंडेलवाल वैश्य कुलभूषण धर्म एवं समाज सुधारक संत सुन्दरदासजी की प्रतिमा बनी हुई है। ज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में दादू पंथी इन्हें दूसरा शंकराचार्य कहा करते थे। निर्गुण ज्ञान में इनकी तुलना सूरदास एवं तुलसीदास से की जाती है।
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
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