68 तीर्थ और 4 धाम के जल से बनी है यह झील - Kapil Sarovar Kolayat Lake in Hindi

68 तीर्थ और 4 धाम के जल से बनी है यह झील - Kapil Sarovar Kolayat Lake in Hindi, इसमें कपिल मुनि के सरोवर यानी कोलायत झील के बारे में जानकारी दी गई है।

Kapil Sarovar Kolayat Lake in Hindi

आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर भारत के छः दर्शनों में से एक सांख्य दर्शन का जन्म हुआ था।

किसी जमाने में सरस्वती नदी के किनारे पर मौजूद इस जगह पर आज भी एक सरोवर है जिसका पानी इतना ज्यादा पवित्र बताया जाता है कि इसमें नहाने से मनुष्य जन्म मृत्यु के बंधन से आजाद हो जाता है यानी उसे मोक्ष मिल जाती है।

यह जगह भगवान विष्णु के एक अवतार का जन्मस्थान भी मानी जाती है जिनका मंदिर आज भी सरोवर के किनारे पर बना हुआ है। इस जगह पर करणी माता के वंशज यानी देशनोक के चारण कुल के लोगों का आना माना है।

तो आइए आज हम कपिल मुनि की जन्मस्थली कोलायत में मौजूद सरोवर और इनके मंदिर को करीब से देखकर इनके इतिहास के बारे में जानते हैं, आइए शुरू करते हैं।

कोलायत के कपिल सरोवर और मंदिर की विशेषता - Features of Kolayat Lake and Kapil Muni Mandir


कोलायत को कपिल मुनि की जन्मभूमि माना जाता है। यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ पर एक बड़ी झील बनी हुई है जिसे कपिल सरोवर कहा जाता है।

इस सरोवर में श्रद्धालुओं के स्नान के लिए कई घाट बने हुए हैं। इन घाटों के किनारे पर कई मंदिर बने हुए हैं जिनमें सबसे मुख्य मंदिर कपिल मुनि का है।

कपिल मुनि के इस मंदिर के गर्भगृह में लाल पत्थर की तीन प्रतिमाएँ विराजित हैं जिनके बीच में कपिल मुनि, इनके राइट साइड में भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ जी और लेफ्ट साइड में इनके बहनोई और भगवान राम के गुरु वशिष्ठ जी मौजूद हैं।

इस मंदिर को लगभग 611 ईस्वी का बना हुआ माना जाता है। पहले यह मंदिर बहुत छोटा था जिसका अलग-अलग समय में कई राजाओं और सेठों ने विकास करवाया।

कपिल मुनि के आशीर्वाद से गुजरात के एक व्यापारी के संतान पैदा हुई तब उसने इस मंदिर में गुजरात से पत्थर लाकर इसका विस्तार करवाया और इसमें कुछ सुंदर मूर्तियाँ भी लगवाई।


कपिल मुनि के मंदिर के सामने ही इनकी माता देवहूति का मंदिर बना हुआ है। कपिल मुनि को सांख्य दर्शन का रचयिता माना जाता है। कहा जाता है कि इन्होंने इस दर्शन का सबसे पहला उपदेश अपनी माता को ही दिया था।

घाट पर एक जगह पीपल के पेड़ के नीचे एक समाधि बनी हुई है जहाँ पर कपिल मुनि के चरण चिन्ह बने हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि इस जगह पर इन्होंने अपना शरीर त्यागा था।

सरोवर के आसपास पीपल के काफी पेड़ लगे हुए हैं। कपिल मुनि मंदिर से आगे पंच मंदिर मौजूद है जहाँ पर पाँच मंदिर एक साथ बने हुए हैं।

कपिल सरोवर के जल को बड़ा पवित्र माना जाता है। इसे भारत के 68 तीर्थों और चार धामों का गुरु बताया जाता है।

ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इसमें स्नान करने से इन सभी तीर्थों का फल एक साथ मिल जाता है और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

कहा जाता है कि सतयुग में यह जगह सरस्वती नदी के किनारे पर थी और यहाँ कपिल मुनि के पिता कर्दम ऋषि ने कई सालों तक तपस्या की थी।

इनकी तपस्या से खुश होकर भगवान विष्णु ने कर्दम ऋषि की पत्नी देवहूति (देवभूति) की कोख से इनके पुत्र के रूप में जन्म लिया जो बड़े होकर कपिल मुनि के रूप में प्रसिद्ध हुए।

इस तरह कोलायत को कपिल मुनि की तपस्या स्थली के साथ-साथ जन्म स्थली भी माना जाता है। भागवत पुराण के अनुसार इन्हें भगवान विष्णु का पाँचवाँ अवतार माना जाता है।

कपिल मुनि को सांख्य दर्शन का जन्मदाता माना जाता है। इन्होंने सांख्य दर्शन का सबसे पहला ज्ञान अपनी माता देवहूति को इसी जगह पर दिया था।

बुढ़ापे में जब इनकी माता को तीर्थयात्रा करने की इच्छा हुई तो कपिल मुनि ने भारत के सभी 68 तीर्थ और चार धामों के जल को इकठ्ठा करके इस सरोवर की स्थापना करके अपनी माता को इसमें स्नान करवाया।

इस तरह कोलायत झील की उत्पत्ति खुद कपिल मुनि ने की थी ताकि वो अपनी माता को सभी तीर्थ और चारों धामों की यात्रा का फल एक साथ दिला सकें।

यहाँ पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर पाँच दिन तक बड़ा मेला भरता है जिसकी शुरुआत एकादशी से हो जाती है। इस मेले में पूरे देश से साधु-संत आते हैं, इस वजह से इसे मिनी कुम्भ कहा जाता है।

मेले में पशुओं की बिक्री भी होती है जिस वजह से इसे कोलायत का पशु मेला भी कहते हैं। कपिल सरोवर वो जगह है जहाँ पर बीकानेर की लोकदेवी करणी माता के सबसे छोटे पुत्र लाखन की डूबने से मौत हो गई थी।

इस घटना के बाद करणी माता के आदेश से इनके चारण कुल का कोई भी वंशज कोलायत में नहीं आता है। किसी जमाने में सरस्वती नदी के किनारे पर बने कपिल सरोवर में अब पानी की आवक झझु नदी से होती है।

पिछले साल इस नदी में इतना ज्यादा पानी आ गया था कि कपिल मुनि मंदिर के अंदर तक पानी भर गया।

ऐसी घटना को रोकने के लिए बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने सन् 1918 में इस सरोवर की तरफ आने वाली नदियों के रास्ते में चैनल गेट लगवाए थे ताकि ज्यादा पानी आने पर उसे दूसरी तरफ डायवर्ट किया जा सके।

कोलायत के आसपास जगह-जगह जिप्सम की खदानें बनी हुई हैं जिनमें से सफेद, लाल और पीले रंग का वेस्ट मेटेरियल (Overburden) निकलता है।

ये रंगीन वेस्ट मेटेरियल खानों के पास इकट्ठा होने से इसके पहाड़ खड़े हो गए हैं जो दूर से रंगीन पहाड़ जैसे सुंदर नजर आते हैं।

कोलायत के आसपास व्हाइट क्ले और बजरी की 200 से भी ज्यादा खानें मौजूद हैं जिनमें लगभग सभी के पास ऐसे रंगीन पहाड़ मौजूद हैं।

कपिल मुनि का जीवन परिचय - Life History of Kapil Muni


कपिल मुनि के बारे में महाभारत और पुराणों में बताया गया है। श्रीमद्भगवत के अनुसार इन्हें भगवान विष्णु का पाँचवाँ अवतार माना गया है।

इनके पिता का नाम कर्दम और माता का नाम देवहूति था। भारत का सांख्य दर्शन इनकी ही देन है। इन्होंने इस दर्शन का पहला उपदेश अपनी माता को ही दिया था।

इनके बारे में बताया जाता है कि इनका जन्म कोलायत में हुआ और इन्होंने गुजरात के सिद्धपुर में सिद्धियाँ प्राप्त की। बंगाल में सागर के किनारे गंगासागर को इनकी तपोभूमि माना जाता है।

बताया जाता है कि गंगासागर में इनके क्रोध से राजा सगर के साठ हजार पुत्र मारे गए थे। इस तरह इन्होंने राजा सगर के पुत्रों का उद्धार किया।

कोलायत का गुरुद्वारा - Gurdwara of Kolayat


कोलायत सिख धर्म के लिए भी एक पवित्र जगह है और कपिल सरोवर के किनारे पर एक गुरुद्वारा बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ पर सिख गुरु गुरुनानक जी आए थे।

एक खास बात यह भी है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गुरु नानक जयंती आती है इसलिए इस दिन हिन्दू और सिख दोनों धर्मों के श्रद्धालुओं का जमावड़ा कोलायत में लगता है।

कोलायत झील के पास घूमने की जगह - Places to visit near Kolayat lake


अगर हम कपिल सरोवर के पास घूमने की जगह के बारे में बात करें तो आप यहाँ पर पुराने गुरुद्वारे को देख सकते हो। इसके साथ ही सरोवर के पास बड़ी शिव प्रतिमा वाला मंदिर भी देख सकते हो।

कोलायत झील कैसे जाएँ? - How to reach Kolayat Lake?


अब हम बात करते हैं कि कपिल सरोवर तक कैसे जाएँ? कपिल सरोवर कोलायत में मौजूद है जिसकी बीकानेर रेलवे स्टेशन से दूरी लगभग 55 किलोमीटर है।

बीकानेर से कोलायत जाने के लिए बस और ट्रेन दोनों उपलब्ध है। बीकानेर से कोलायत जाने के लिए हाइवे बना हुआ है।

अगर आप धार्मिक टूरिस्ट प्लेस को देखने में रुचि रखते हैं तो आपको भारत को सांख्य दर्शन देने वाले कपिल मुनि के मंदिर और इनके द्वारा बनाए गए सरोवर को जरूर देखना चाहिए।

आज के लिए बस इतना ही, उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। कमेन्ट करके अपनी राय जरूर बताएँ।

इस तरह की नई-नई जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहें। जल्दी ही फिर से मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए धन्यवाद, नमस्कार।

कोलायत झील की मैप लोकेशन - Map location of Kolayat Lake



कोलायत झील का वीडियो - Video of Kolayat Lake



कोलायत झील की फोटो - Photos of Kolayat Lake


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लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें।

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