पहाड़ों के बीच काली माता का चमत्कारी मंदिर - Kalka Mata Mandir Amarsar

पहाड़ों के बीच काली माता का चमत्कारी मंदिर - Kalka Mata Mandir Amarsar, इसमें अमरसर के पास अरावली की पहाड़ियों में मौजूद कालिका माता मंदिर की जानकारी है।

Kalka Mata Mandir Amarsar

अमरतसर कस्बे के पास अरावली की पहाड़ियों के बीच एक पहाड़ी पर कालका माता का मंदिर मौजूद है। बारिश के दिनों में यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता मन को मोह लेती है।

मंदिर तक पहुँचने के लिए पद यात्रियों के लिए 451 सीढ़ियाँ बनी हुई है और वाहनों के लिए सीमेंट की पक्की सड़क बनी हुई है। यह सड़क सर्पिलाकार रूप में है।

मंदिर में कई स्तंभों पर टिका हुआ भव्य गुंबद बना हुआ है। इस गुंबद की छत पर कई देवी देवताओं की सुंदर छवि उकेरी हुई है।

सामने कालका माता के दर्शन होते हैं। माता की मूर्ति से कुछ दूरी पर अखंड ज्योति जलती रहती है। बगल में पहाड़ के अंश दिखाई पड़ते हैं। पिंड रूप में स्थित माता की यह मूर्ति स्वयंभू बताई जाती है।

कहते हैं कि राजा महाराजाओं के जमाने में काली माता की मूर्ति बोला करती थी। अमरसर और आस पास के इलाकों में इसे कुल देवी के रूप में पूजा जाता है।

एक दंतकथा के अनुसार बहुत समय पहले यहाँ एक लकड़हारा रहता था। वह माता का भक्त था एवं चूहों को माता का रूप मानकर उनकी पूजा करता था। एक बार उसकी विनती पर माता ने उसे साक्षात दर्शन दिए।

लकड़हारे के निवेदन पर माता पिंडी रूप धारण करके यहीं रुक गई। बाद में लकड़हारे ने इस स्थान पर एक मंदिर का निर्माण करवाया।

मन्दिर में केवल सात्विक सामग्री को ही प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। मंदिर में मांस, मदिरा एवं पशु-पक्षी बलि की सख्त मनाही है।



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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