बिना डॉक्टर की पर्ची के बिकने वाली दवाइयाँ - OTC Medicines in Hindi

बिना डॉक्टर की पर्ची के बिकने वाली दवाइयाँ - OTC Medicines in Hindi, इसमें OTC Medicines यानी Over-the-counter Medicines के बारे में जानकारी दी है।

OTC Medicines in Hindi

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क्या आप जानते हैं कि OTC Medicines क्या होती है और इन्हें किस तरह से उपयोग में लेना चाहिए। आज हम इनके सम्बन्ध में बात करते हैं और इनको समझते हैं।

हम सभी का वास्ता एलोपैथिक दवाइयों से पड़ता रहता है। जब भी कोई बीमार होता है तो उसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाई लेनी पड़ती है। इन दवा सम्बन्धी निर्देशों को डॉक्टर दवा की पर्ची पर लिखकर देता है जिसे प्रिस्क्रिप्शन कहा जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि बहुत सी दवाइयाँ ऐसी भी होती है जिन्हें लेने के लिए प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं होती है यानी की इन्हें बिना डॉक्टर को दिखाए सीधा फार्मेसी से खरीद कर लिया जा सकता है।

भारतीय ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के Schedule K के अनुसार कई दवाइयों को बेचने के लिए फार्मेसी की भी आवश्यकता नहीं होती है और इन्हें Household Remedies के रूप में किसी भी दुकान से बेचा जा सकता है।

ऐसी दवाइयाँ जिन्हें उपयोग में लेने के लिए डॉक्टर की सलाह की जरूरत नहीं होती और जिन्हें बिना प्रिस्क्रिप्शन के सीधा फार्मेसी से खरीदा जा सकता है उन्हें OTC Medicines कहा जाता है।

यहाँ पर OTC की फुल फॉर्म Over-The-Counter होती है और OTC Medicines का मतलब Over The Counter Medicines होता है। इन्हें Non Prescription Medicines भी कहा जाता है।

दरअसल दवाइयाँ Prescription और Non Prescription नामक दो categories में बँटी हुई है। प्रिस्क्रिप्शन केटेगरी की दवाओं को खरीदने के लिए हमें डॉक्टर की पर्ची की आवश्यकता होती है। कानूनी रूप से ये दवाइयाँ इसके बिना ना तो बेचीं जा सकती है और ना ही खरीदी जा सकती है।

Non Prescription Category की दवा के लिए ऐसा नहीं है, इन्हें बिना प्रिस्क्रिप्शन के खरीदा जा सकता है। इस केटेगरी की दवाइयाँ कई सामान्य बीमारियों जैसे दर्द, बुखार, सर्दी, खाँसी, जुकाम, एसिडिटी, दस्त, एलर्जी आदि में काम आती है।

प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन्स की बिक्री के लिए भारत सरकार ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट बना रखा है और सभी दवाइयाँ इसी एक्ट के अनुसार बिकती हैं।


सभी प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन्स इस कानून के Schedule H, H1 और X के अनुसार बिकती है जिसे बिना डॉक्टर की पर्ची के नहीं बेचा जा सकता है।

भारत में अभी तक विदेशों की तरह OTC Medicines को कानूनन परिभाषित नहीं किया हुआ है इसलिए इनके सम्बन्ध में बड़ा Confusion बना रहता है।

OTC Medicines के लिए कोई कानून ना बना होने की वजह से अमूमन यह मान लिया जाता है कि जो दवा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के Schedule H, H1 और X में शामिल नहीं है वह OTC Medicines की केटेगरी में शामिल है।

लेकिन पिछले कुछ वर्षों से OTC Medicines के लिए कानून बनाने की मांग को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने OTC Medicines की अलग केटेगरी बनाने की दिशा में कार्य शुरू कर रखा है और बहुत जल्दी हमें इनके लिए एक अलग केटेगरी देखने को मिलेगी।

यहाँ पर सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह उठता है कि जब इन दवाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के उपयोग में लिया जा सकता है तो क्या इनके साइड इफेक्ट्स उन दवाओं से कम होते हैं जिनके लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है?

ऐसा बिलकुल भी नहीं है। इन दवाओं के खुलेआम बिकने का मतलब यह नहीं है कि इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स कम होते हैं या नहीं होते हैं। इन दवाओं के भी prescription category की तरह साइड इफेक्ट्स होते हैं।

विदेशों में इन दवाओं के लिए OTC Medicines की केटेगरी बनी हुई है और वहाँ इनके लिए पूरी गाइड लाइन बनी हुई है। वहाँ पर इस केटेगरी की दवाओं के लेबल के ऊपर दवा सम्बन्धी सारी जानकारी दे दी जाती है।

भारत में अभी तक आधिकारिक रूप से इनकी कोई केटेगरी नहीं होने की वजह से इनके लेबल पर पूरी जानकारी नहीं होती है। इसलिए जब हम बिना डॉक्टर की सलाह के ये दवा ले रहे हैं तो हमें इनके सम्बन्ध में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

किसी भी दवा को उपयोग में लेने से पहले उसकी डोज यानी मात्रा के बारे में पूरा पता होना चाहिए।

आपको यह ध्यान रखना है कि जिस प्रकार किसी भी एलोपैथिक दवा की ओवर डोज काफी नुकसानदायक होती है ठीक उसी प्रकार इसकी लोअर डोज से दवा का जरूरी असर नहीं होता है।

अतः बीमारी को ठीक करने के लिए दवा की निर्धारित मात्रा बहुत जरूरी है। अधिकांश OTC Medicines के लेबल पर दवा की डोज के बारे में नहीं बताया जाता है और केवल “As directed by the physician” लिख दिया जाता है।

यह सोचने वाली बात है कि जब मरीज बिना डॉक्टर को दिखाए दवा खरीद कर ले रहा है तो लेबल पर As directed by the physician लिखा होने का क्या मतलब है। अब मरीज दवा की डोज के बारे में किससे पता करे?

यहाँ पर जो व्यक्ति जो दवा के डोज और उपयोग के सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी दे सकता है वह है फार्मासिस्ट। दवा खरीदने वाले को फार्मेसी पर मौजूद फार्मासिस्ट से उसके उपयोग के सम्बन्ध में सारी जानकारी लेनी चाहिए।

यहाँ पर ध्यान रखने वाली बात यह है कि आपको दवा की दुकान पर फार्मासिस्ट से जानकारी लेनी है ना कि उस दुकान के मालिक से जिसे केमिस्ट कहा जाता है। हाँ, अगर किसी फार्मासिस्ट ने ही फार्मेसी खोल रखी है तो अलग बात है।

जिस प्रकार आप डॉक्टर को दिखाने से पहले उसकी डिग्री को देखते हैं ठीक उसी प्रकार आपको दवाइयाँ खरीदने से पहले फार्मेसी पर फार्मासिस्ट की मौजूदगी को देखना चाहिए।

आपको यह समझना चाहिए कि दवा की दुकान पर फार्मासिस्ट पेशेंट काउंसलिंग के लिए ही मौजूद होता है। यह कोई दवा विक्रेता नहीं है बल्कि डॉक्टर की तरह एक प्रोफेशनल है।

अतः अब आप जब भी OTC Medicines को खरीदने के लिए केमिस्ट शॉप पर जाएँ तो आप उसकी डोज और उपयोग सम्बन्धी जानकारी फार्मासिस्ट से ले जिससे आप इनका सही उपयोग कर पाएँ।

आज के लिए बस इतना ही, उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। कमेन्ट करके अपनी राय जरूर बताएँ।

इस तरह की नई-नई जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहें। जल्दी ही फिर से मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए धन्यवाद, नमस्कार।

लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

अस्वीकरण (Disclaimer)

आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं, इसमें दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई हो सकती है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है, इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। आलेख में दी गई स्वास्थ्य सम्बन्धी सलाह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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