आम खाने से पहले जान लें ये जरूरी बातें - Useful Tips before Eating Mango in Hindi

आम खाने से पहले जान लें ये जरूरी बातें - Useful Tips before Eating Mango in Hindi, इसमें आम खाने के फायदे, नुकसान, मिथक, केमिकल वाले आम की जानकारी है।

Useful Tips before Eating Mango in Hindi

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आज हम एक ऐसे फल के बारे में बात करेंगे जो सभी लोगों का पसंदीदा होने के साथ-साथ इतना खास है कि इसके बारे में बड़े-बड़े इंटरव्यू में भी पूछा जाता है कि इसे चूसकर खाना चाहिए या काटकर।

इस फल के लिए एक मुहावरा तक बना हुआ है जिसमें इस फल के महत्व के साथ इसकी गुठली तक को इतना फायदेमंद बताया गया है कि उसके भी दाम उठते हैं।

फलों का राजा कहलाने वाला यह फल कच्ची और पक्की दोनों स्थितियों में बहुत उपयोगी है। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि हम किस फल के बारे में बात कर रहे हैं। जी हाँ, आप ठीक समझे, हम फलों के राजा आम के बारे में बात कर रहे हैं।

आम का बच्चों और बड़ों में इतना ज्यादा Craze है कि गर्मियों के अलावा जब ये फल बाजार में नहीं आता है तब इसे फ्रूटी और माजा जैसे ड्रिंक्स के जरिए पीकर इसका आनंद लिया जाता है।

आम के मौसम में यह सभी की पहली पसंद होता है क्योंकि स्वादिष्ट होने के साथ-साथ यह बहुत गुणकारी भी है। लेकिन इसका यह गुण तभी रह पाता है जब ये Chemical से ना पकाकर Natural तरीके से पकाया गया हो।

अगर हम केमिकल से पका हुआ आम खा रहे हैं तो हम पैसों के साथ-साथ अपनी सेहत का भी नुकसान कर रहे हैं 
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम आम के बारे में कुछ ऐसी खास बाते करेंगे जिसमें हम इसके गुण, इसको खाने से होने वाले फायदे और नुकसान, इसके बारे में प्रचलित कुछ गलत धारणाओं और इसमें केमिकल के प्रयोग के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

आम के बारे में कुछ अनजाने तथ्य - Some unknown facts about mango


आम के बारे में जानने से पहले हम इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण Facts के बारे में बात कर लेते हैं।

आम भारत सहित पाकिस्तान और Philippines का राष्ट्रीय फल होने के साथ बांग्लादेश का राष्ट्रीय पेड़ भी है।

क्या आपको पता है कि दुनिया में सबसे पहले आम भारत में पैदा हुआ था। भारत में आम की पहली पैदावार 5000 साल पहले हुई थी यानी भारत में आम 5000 सालों से खाए जा रहे हैं।

आम का अंग्रेजी नाम mango भी भारत में ही पड़ा था जब अंग्रेज 16वीं शताब्दी में दक्षिण भारत में व्यापार करते थे। यही नहीं दुनिया में सबसे ज्यादा आम की पैदावार भी भारत में ही होती है।

आम के पेड़ को बोध धर्म में बड़ा पवित्र माना जाता है क्योंकि ऐसा बताया जाता है कि भगवान बुद्ध आम के पेड़ के नीचे बैठकर साधना किया करते थे।

आम के पोषक तत्व - Mango Nutrients


आम कई गुणकारी पोषक तत्वों से भरा होता है। इसमें 20 से ज्यादा vitamins और minerals होते हैं। इसमें मुख्य रूप से vitamin C, vitamin A और vitamin K के साथ कई तरह के minerals जैसे potassium, phosphorus, calcium और magnisium आदि होते हैं।

आम में विटामिन सी की quantity इतनी ज्यादा होती है कि एक कप आम में लगभग 60 मिलीग्राम विटामिन सी होता है।

vitamins और minerals के साथ इसमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है। आम में मीठा काफी कम होता है इसलिए इसे Guilt-free feasting के काम में भी लिया जाता है।

आम खाने के फायदे - Benefits of eating Mango


जैसा कि हमने आम के पोषक तत्वों के बारे में बात की और जाना कि आम में कई तरह के विटामिन, मिनरल और फाइबर होते हैं। इन सबकी वजह से आम खाने से शरीर को कई तरह से फायदा मिलता है।

आम में कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जिसकी वजह से ये कैंसर जैसे रोग में भी काफी फायदा पहुँचाता है। ऐसा माना जाता है कि आम विशेष रूप से ब्रैस्ट कैंसर में फायदेमंद होता है।

आम को पेट की कई बीमारी में भी फायदेमंद माना जाता है। यह आंतों की एक पुरानी बीमारी अल्सरेटिव कोलाइटिस में फायदेमंद होता है।

आम  में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जिनकी वजह से हमारे खून में शुगर की मात्रा कम हो जाती है, यानी आम खाने से ब्लड ग्लूकोज बढ़ने की जगह कम होता है, जिसका फायदा diabetes के patients को होता है।


आम में मौजूद विटामिन ए की वजह से eyesight तेज होती है और Age-related macular degeneration (AMD) जैसी आँख की बीमारी में फायदा मिलता है।

इसके साथ आम खाने से स्किन और बालों को भरपूर पोषण मिलता है जिससे स्किन glow करती है और बाल काले और घने होते हैं।

इसके अलावा आम शरीर के metabolism को तेज करता है जिससे मोटापा कम होता है। इसके साथ पाचन शक्ति ठीक करने, इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ शरीर में HDL (हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी बढ़ाता है।

आम खाने के नुकसान - Disadvantages of eating mango


अगर हम आम खाने के side effects के बारे में बात करें तो generally प्राकृतिक रूप से पके हुए आम को पर्याप्त मात्रा में खाने से कोई side effect नहीं होता है। केमिकल से पके हुए आम खाने से जरूर शरीर को नुकसान पहुँचता है।

हमें इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि अति किसी भी चीज की जरूर नुकसानदायक होती है। अगर आपने स्वाद ही स्वाद में बहुत सारे आम खा लिए तो आपको पेट दर्द, अपच और दस्त जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

कुछ लोगों को आम खाने से allergy की समस्या हो सकती है। अगर किसी को आम खाने के बाद किसी भी तरह का कोई discomfort महसूस होता है तो उसे इसे खाना बंद कर देना चाहिए।

आम खाते समय बरती जाने वाली सावधानी - Precautions to be taken while eating mango


आम खाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे जरूरी बात यह है कि आम खाने से पहले इसे लगभग एक घंटे तक पानी में रखना चाहिए। ऐसा करने से इसमें मौजूद vitamins और minerals का शरीर में absorption बढ़ जाता है।

दरअसल आम में फाइट‍िक एसिड (phytic acid) नाम का ingredient होता है जो कैल्शियम, आयरन, जिंक और जैसे मिनरल्स और एंटीऑक्‍सीडेंट्स के हमारे शरीर में absorption को कम कर देता है जिसके कारण हमारे शरीर में इनकी कमी हो सकती है।

अगर हम आम को पानी में भिगो कर रखते हैं तो ये फाइट‍िक एसिड पानी में घुलकर बाहर निकाल जाता है। यही कारण है जिसकी वजह से पुराने समय में आम खाने से पहले हमेशा पानी में भ‍िगोकर रखा जाता था।

दूसरा आम को पानी में भिगोकर रखने से इसके ऊपर लगे पेस्‍ट‍िसाइड और गंदगी भी साफ हो जाती है। साथ ही आम का छिलका नरम हो जाता है और इसकी मिठास भी बढ़ जाती है। आम को गर्म तासीर का माना जाता है। पानी में भिगोकर रखने से इसकी गर्मी निकल जाती है।

इसके अलावा आम को खाने के साथ नहीं खाना चाहिए। अगर इसे भूखे पेट खाएं तो यह ज्यादा फायदेमंद रहता है।
आम में मौजूद पोषक तत्व कुछ दवाओं के metabolism पर असर डालते हैं इसलिए अगर आप ब्लड और अस्थमा से संबंधित दवाइयाँ ले रहे हैं तो आपको आम की मात्रा और इन दवाओं के बारे में अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श लेना चाहिए।

आम के बारे में मिथक - Myths about mango


अब हम आम खाने से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में बात करते हैं। आपने पुराने लोगों को ये कहते हुए सुना होगा  कि ज्यादा आम खाने से फुंसियाँ निकल आती है, रोज आम खाने से पेट खराब हो जाता है, आदि।

अगर आप भी ऐसी बात सुनकर आम खाने से डर रहें है तो आज मैं आपको इन मिथकों की सच्चाई बताता हूँ ताकि आपका confusion दूर हो सके।

ज्यादातर लोगों में यह भ्रम है कि आम के मीठा होने की वजह से इसे diabetes बीमारी वाले लोग नहीं खा सकते हैं। लेकिन हमने अभी आम खाने के फ़ायदों के बारे में बात की है कि आम तो diabetes में फायदेमंद होता है।

इसका कारण यह है कि एक तो आम में जो मिठास होती है वो प्राकृतिक होती है और इस वजह से ये नुकसानदायक नहीं है, दूसरा आम में यह मिठास बहुत कम होती है इसलिए अगर diabetes के मरीज सीमित मात्रा में आम खाते हैं तो उन्हें नुकसान होने की संभावना नहीं है।

लेकिन अगर कोई diabetic patient चीनी से भरा हुआ आम का रस पीता है तो ये रस उसके लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है।

बहुत से लोगों को आम के बारे में ये मिथक है कि रात में आम खाने से वजन बढ़ता है। जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि आम हमारे metabolism को बढ़ाता है जिसकी वजह से हमारा वजन बढ़ता नहीं है बल्कि घटता है। इसलिए आप रात के समय पर्याप्त मात्रा में आम खा सकते हैं।

ऐसा भी माना जाता है कि आम का छिलका जहरीला होता है जबकि इसमें सच्चाई नहीं है। आम के छिलके में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जिसकी वजह से ये नुकसानदायक ना होकर फायदेमंद है।

कई लोग मानते हैं कि आम खाने से मुँहासे हो जाते है जबकि ऐसा कुछ नहीं होता है। आम में तो एंटीऑक्‍सीडेंट तत्व होते हैं जो शरीर को डिटॉक्‍स करते हैं। इसलिए आम खाने से मुँहासे नहीं होते बल्कि स्किन glow करती है।

अगर किसी के कोई दिक्कत होती है तो वो इसकी allergy से हो सकती है, ऐसे लोगों को आम खाते समय जरूर सावधानी बरतनी चाहिए।

इसके अलावा pregnancy और periods के समय आम खाने को लेकर भी भ्रम है, लेकिन ये सही नहीं है। आम में पोषक तत्वों का भंडार है इसलिए कोई भी महिला इसे कभी भी खा सकती है।

केमिकल से पके आम खाने के नुकसान - Disadvantages of eating mangoes ripened with chemicals


अभी हमने आम के जिन गुणों और फ़ायदों की बात की है वो बिना केमिकल से उगे और पेड़ पर पके हुए आम को लेकर है, लेकिन आजकल ऐसे आम मिलना काफी मुश्किल है।

आजकल जो आम मिल रहे हैं वो ज्यादातर केमिकल से पकाये हुए होते हैं। आम को जल्दी पकाने के लिए कुछ chemicals का इस्तेमाल किया जाता है जिनमें कैल्शियम कार्बाइड मुख्य है।

दरअसल आम को पकाने के लिए इनके बीच में कैल्शियम कार्बाइड को रखा जाता है। ये केमिकल ethylene गैस release करता है जिसकी वजह से आम पकते हैं।

इस तरीके से आम को पकाने पर इस केमिकल का इसके साथ डायरेक्ट कान्टैक्ट होता है और इसमें मौजूद आर्सेनिक, सीसा और फॉस्फोरस हमारे स्वास्थ्य पर बहुत हानिकारक असर डालता है। एथीलीन गैस का भी हमारे शरीर के लिए हानिकारक होती है।

यहाँ सबसे खास बात यह है कि FSSAI ने इस केमिकल से फलों को पकाने पर प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन फिर भी इसे धड़ल्ले से काम में लिया जाता है।

केमिकल से पके हुए ये आम हमारे शरीर के लिए फायदेमंद ना होकर नुकसानदायक होते हैं क्योंकि इनमें पोषक तत्व भी काफी कम हो जाते हैं। ऐसे आम खाने से सिर दर्द, चक्कर, नींद न आना, आँखों से कम दिखाई देने के साथ कई तरह के पेट के रोग हो सकते हैं।

सबसे बड़ी बात तो ये है कि केमिकल से पके आम खाने से कैंसर जैसा रोग भी हो सकता है। आप सोचिए कि प्राकृतिक रूप से पका हुआ जो आम कैंसर को ठीक करता है, वो ही आम अगर केमिकल से पका है तो कैंसर पैदा कर सकता है।

नकली आम यानी केमिकल से पके आम की पहचान कैसे करें? - How to identify fake mangoes i.e. mangoes ripened using chemicals?


अब बात आती है कि जब हम आम खरीदते हैं तो क्या कोई ऐसा तरीका भी होता है जिससे ये पता चल जाए कि ये आम केमिकल से पकाये गए हैं।

केमिकल से पके हुए आम को पहचानने के कुछ तरीके हैं जिनमें सबसे पहला तरीका यह है कि आप इनको पानी से भरी बाल्टी में डाल दो।

अगर ये आम पानी में तैरने लगे इसका मतलब इन्हें केमिकल से पकाया गया है और अगर ये डूब जाएं इसका मतलब इन्हें केमिकल से नहीं पकाया गया है।

केमिकल से पके हुए आम का रंग दो तीन दिन में ही पीले से काला होने लग जाता है। अगर आम पर हल्के हरेपन के साथ झुर्रियाँ हैं या आम पर हरे रंग के धब्बे हैं तो ये आम केमिकल से पकाया हुआ हो सकता है।

अगर आम को काटने पर कहीं पका हुआ, कहीं कच्चा, कहीं लाल और कहीं हल्का पीला है तो आम केमिकल से पकाया हुआ हो सकता है। केमिकल से पके आम में बहुत कम रस होता है और इन्हें खाने से पेट में जलन हो सकती है।

घर पर आम कैसे पकाएँ? - How to ripen mangoes at home?


अब हम बात करते हैं कि कच्चे आम को घर पर प्राकृतिक तरीके से कैसे पकाया जा सकता है। मैं आपको बता दूँ कि आम को घर पर कई तरीकों से पकाया जा सकता है।

घर पर आम पकाने का सबसे पहला तरीका तो यह है कि आप एक एयर टाइट कंटेनर के अंदर कच्चे आमों के साथ कुछ पके हुए आम भी रख दें।

ऐसा करने से आम के पकने की process तेज हो जाती है क्योंकि पके हुए आम एथिलीन गैस छोड़ते हैं जिसकी वजह से दूसरे कच्चे आम तेजी से पकते हैं।

आम को एयर टाइट कंटेनर में धुएं से भी पकाया जा सकता है लेकिन ऐसे पके हुए आम एक समान रंग, स्वाद और quality के नहीं होते हैं।

आम को पकाने के लिए अडूसा की पत्ती को पीसने के बाद पानी में घोलकर उसका solution बनाकर उसमें लगभग 15 मिनट तक इन्हें डुबोकर रखा जाता है। इसके बाद इन्हें धूप या हवा में सुखाकर पैरा या कार्टून में ढककर रखने से ये पक जाते हैं।

आम को पकाने के सबसे ज्यादा फेमस तरीकों में इन्हें बोरे, पैरावट, भूसे, घास, चावल और अनाज के बीच में दबाकर रखना है। इसके अलावा कागज और सूती कपड़े में लपेटकर रखने से भी आम पक जाते हैं।

इन सभी तरीकों से आम लगभग तीन चार दिन में पक जाते हैं। ऐसे पके हुए आम बड़े स्वादिष्ट होते हैं। अगर आपने एक बार इस तरीके से आम को पकाकर खा लिया तो निश्चित रूप से आप बाजार से पके हुए आम लाकर खाना बंद कर देंगे।

लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

अस्वीकरण (Disclaimer)

आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं, इसमें दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई हो सकती है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है, इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। आलेख में दी गई स्वास्थ्य सम्बन्धी सलाह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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