घुटने के दर्द का कारण और देसी इलाज - Home Remedies for Knee Pain in Hindi

घुटने के दर्द का कारण और देसी इलाज - Home Remedies for Knee Pain in Hindi, इसमें घुटनों के दर्द के कारण, लक्षण, घरेलू देसी उपचार की जानकारी दी गई है।

Home Remedies for Knee Pain in Hindi

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क्या आप जानते हैं कि घुटनों का दर्द बिना किसी एलॉपथी की दवा लिए केवल घरेलू उपायों से पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है? आज हम आपको बताते हैं कि ये चमत्कार कैसे होता है।

अगर आज के समय में देखें तो घुटनों में दर्द होना सामान्य सी बात हो गई है। पुराने समय में इस दर्द को बुढ़ापे में होने वाला दर्द समझा जाता था यानी ये दर्द ज्यादातर बुजुर्गों में ही पाया जाता था, लेकिन आज के समय में 40 वर्ष की उम्र पूरी होते-होते ही यह दर्द दुःख देने लगता है।

घुटनों के दर्द को लेकर हमारे मन में कई प्रश्न रहते हैं जैसे घुटनों का दर्द क्या है?, इसके कारण क्या हैं?, घुटने के दर्द के लक्षण क्या होते हैं?, घुटनों के दर्द में क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?, और घुटनों के दर्द को ठीक करने के कौन कौनसे घरेलू उपाय हैं?

घुटने का दर्द क्या है? - What is knee pain?


आइये सबसे पहले हम घुटनों के दर्द को समझते हैं कि यह क्या होता है और इसके कारण क्या हैं? दरअसल घुटना एक जॉइंट है जो हमारे पैर में घुटने से ऊपरी भाग और निचले भाग की हड्डियों को आपस में जोड़ता है।

इस जॉइंट की वजह से ही हम पैर को मोड़ पाते हैं, चल पाते हैं और दौड़ पाते हैं। अगर देखा जाये तो घुटना मुख्य रूप से हड्डियों से बना हुआ है। इसमें टखने से ऊपर की और नीचे की हड्डियाँ आपस में एक जगह जुड़ी रहती हैं।

इन हड्डियों के बीच में थोडा सा गैप होता है। इस गैप में एक लिक्विड फ्लूड भरा होता है जो लुब्रिकेंट का काम करता है। ये सारा पार्ट चारों तरफ से मसल्स से पैक रहता है।

जब तक ये हड्डियाँ, लिक्विड फ्लूड और ये मसल्स ढंग से काम करती रहती है तब तक घुटने सही काम करते हैं लेकिन जब इनमें से कोई एक भी पार्ट अगर अपना काम ढंग से नहीं करता है तब इसमें परेशानी होनी शुरू हो जाती है।

जब यह परेशानी होनी शुरू होती है तब हमारे घुटनों में सूजन आने लग जाती है और दर्द होने लग जाता है। घुटनों के दर्द से दौड़ना तो दूर चलना भी मुश्किल हो जाता है। खड़े होने और बैठने में दर्द होने लगता है यानी घुटने के हल्के से मूवमेंट में ही तेज दर्द होने लगता है।

अब आप समझ ही गए होंगे कि घुटनों में दर्द की वजह या तो घुटने से जुडी हड्डियों में कमजोरी या घुटने से जुडी मसल्स में कमजोरी या फिर घुटने में भरे हुए लिक्विड फ्लूड में कमी होना ही हो सकती है।

अगर आप घुटने के दर्द को मेडिकल भाषा में देखेंगे तो इसके लिए दो टर्म्स काफी प्रचलित हैं जिसमें पहली है ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) और दूसरी है गाउट (Gout)।

ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण हड्डियों की कमजोरी है और इसका मुख्य कारण बॉडी में कैल्शियम की कमी होना है। जैसा कि आप जानते हैं कि हमारी हड्डियाँ मुख्य रूप से कैल्शियम की बनी होती है।

जब हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है तब हमारा शरीर इस कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए हमारी हड्डियों में से कैल्शियम काम में लेने लग जाता है।

इसका नतीजा यह होता है कि हमारी हड्डियाँ कमजोर होने लग जाती है। अगर ये स्थिति लगातार रहे तो एक समय वो इतनी कमजोर हो जाती है कि आसानी से टूटने भी लग जाती है।

जैसा कि हम देखते हैं कि जब हम खड़े होते हैं तब हमारे शरीर का सारा वजन हमारे घुटनों पर पड़ता है। सोचिये कि अगर घुटने की हड्डियाँ कमजोर होगी तो चलने में तो क्या, खड़े होने में ही दिक्कत होगी।

अब दूसरे कारण, गाउट पर आते हैं। गाउट को गठिया नाम से जाना जाता है। गठिया में हमारे शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लग जाता है। इस ज्यादा एसिड को किडनियाँ छान कर पेशाब के साथ पूरी तरह से बाहर नहीं निकाल पाती हैं।

इसका नतीजा यह होता है कि यह ज्यादा बना हुआ यूरिक एसिड खून के साथ साथ हमारे शरीर के जॉइंट्स में आने लगता है। इन जॉइंट्स में इस एसिड के शार्प क्रिस्टल्स बनने लगते हैं।

जब यूरिक एसिड के ये शार्प क्रिस्टल्स घुटनों के अन्दर इकठ्ठा होने लग जाते हैं तो इनकी वजह से घुटनों में दर्द और सूजन आने लगती है। घुटनों के दर्द के कारण के बाद अब हम इसके लक्षणों की बात करते हैं।

घुटने के दर्द के लक्षण क्या हैं? - What are the symptoms of knee pain?


घुटनों के दर्द का सबसे मुख्य लक्षण तो इसका दर्द ही है। कई बार दर्द के साथ सूजन भी होती है। ये दर्द चलते समय, हिलते डुलते समय, उठते बैठते समय, यहाँ तक कि आराम करते समय भी हो सकता है।

घुटनों में कडापन और अकडन भी महसूस हो सकती है। आलथी पालथी मारकर यानि चौकड़ी मार कर बैठने में दिक्कत और इंडियन टॉयलेट्स में बैठते समय परेशानी होती है।

घुटने के दर्द से बचने के लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए? - What precautions should be taken to avoid knee pain?


अब हमारे सामने बड़ा प्रश्न यह है कि घुटने के दर्द से बचने के लिए कौन कौनसी सावधानियाँ या उपाय करने चाहिए?

सबसे पहले तो घुटनों के दर्द से बचने के लिए हमें उन सभी कारणों का समाधान करना होगा जिनकी वजह से घुटनों का दर्द होता है।

अगर घुटनों का दर्द हड्डियों के कमजोर होने से है तो हमें हड्डियों को मजबूत बनाना होगा और अगर ये दर्द शरीर में यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा की वजह से है तो हमें इस मात्रा को कण्ट्रोल करना होगा।

इसके लिए हमें कुछ ऐसे काम करने चाहिए जो दोनों कारणों से होने वाले घुटनों के दर्द में लाभदायक हो। एक स्वस्थ आदमी की हड्डियाँ मजबूत होनी चाहिए और हड्डियाँ तब मजबूत होती है जब इन्हें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता रहे।

इसके लिए हमें अपने खान पान पर ध्यान देना होगा। हमें ऐसी चीजें खानी होगी जो हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करें।

इसके लिए हमें डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, योगर्ट, छाछ, चीस, सब्जियाँ जैसे Broccoli, पत्ता गोभी, भिन्डी, सोयाबीन प्रोडक्ट्स जैसे टोफू, फल जैसे अंजीर, अंगूर और अलग अलग प्रकार के नट्स खाने पड़ेंगे।

हमें एक बात का और ध्यान रखना होगा कि डाइट में कैल्शियम होना ही सब कुछ नहीं है। शरीर में गए इस कैल्शियम का उपयोग में आना बहुत जरूरी है।

शरीर में गया हुआ यह कैल्शियम तब काम में आता है जब शरीर को विटामिन डी की मात्रा पर्याप्त रूप से मिलती रहे।

अगर आप पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम ले लेते हो, लेकिन अगर आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं है, तो ये लिया हुआ कैल्शियम बेकार है।

अब प्रश्न उठता है कि विटामिन डी के लिए क्या खाना चाहिए? आप यह जान लो कि विटामिन डी कुछ भी खाने से नहीं मिलेगा, इसका एकमात्र सोर्स सूरज की धूप है।

इसलिए शरीर में विटामिन डी की मात्रा को बनाये रखने के लिए हर दिन कम से कम आधे घंटे सुबह की धूप में जरूर बैठना चाहिए।

यहाँ यह ध्यान रखना जरूरी है कि सुबह की धूप ही सबसे ज्यादा इफेक्टिव होती है क्योंकि इस समय इसमें अल्ट्रा वायलेट किरणों का प्रभाव सबसे कम होता है, दोपहर के समय ये बढ़ जाता है इसलिए दोपहर की धूप से बचें, तो अच्छा है।

खान पान का ध्यान रखकर और धूप में बैठकर आपने कैल्शियम की मात्रा तो नियंत्रित कर ली लेकिन इसके साथ आपको शरीर में यूरिक एसिड बढाने वाली सभी खाने पीने वाली चीजों को बंद करना होगा।

इस काम के लिए आपको पता होना चाहिए कि ऐसी कौन कौनसी खाने की चीजे हैं जिनकी वजह से हमारे शरीर में यूरिक एसिड बढ़ सकता है।

हम आपको बताते हैं कि ज्यादा प्रोटीन वाली चीजें जैसे दालें, दही, चावल, ड्राई फ्रूट्स, पालक, नॉन वेज जैसे मीट, अंडा, मछली, बेकरी फूड्स जैसे केक, पेस्ट्री, बिस्कुट, मीठे ड्रिंक्स और मिठाइयाँ, चॉकलेट, जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड, तली भुनी हुई चीजें, मैदा आदि शरीर में यूरिक एसिड बढ़ाती है। इसके साथ स्मोकिंग और शराब भी बिलकुल बंद होनी चाहिए।


अब प्रश्न उठता है कि अगर इन चीजों से बचे तो फिर क्या खाएँ? इसका जवाब यह है कि जिन चीजों से यूरिक एसिड नहीं बढे वो चीजें खाओ जैसे मोटा अनाज, छाछ, हरी सब्जियाँ आदि।

इसके साथ ही हमें घुटने की चोट से बचना चाहिए और बहुत देर तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से बचना चाहिए यानि हमेशा गतिशील रहना चाहिए। गतिशील रहने का मतलब घुटनों का मूवमेंट होना चाहिए। इसके लिए साइकिलिंग भी की जा सकती है।

इसके साथ ही वजन को कण्ट्रोल करना बहुत जरूरी है। बैठने, उठने और चलने में सही पोश्चर का होना बहुत जरूरी है। साथ ही नियमित रूप से कुछ कसरत करना भी जरूरी है। मोर्निंग वाक भी काफी फायदेमंद है।

जैसा कि हमने जाना कि किसी भी बीमारी को ठीक करने का सबसे बढ़िया तरीका एक ही होता है कि उस बीमारी को पैदा करने वाले सही कारणों को खत्म करना।

ये कारण तभी खत्म हो सकते हैं जब इन्हें ढंग से समझा जाये और इन्हें समझने के लिए बीमारी के लक्षण सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।

इसके साथ ही सभी बीमारियों को अपनी लाइफ स्टाइल, खान पान और कुछ देशी इलाज से ठीक किया जा सकता है। अब तक हम घुटनों के दर्द के बारे में काफी कुछ जान गए हैं इसलिए अब हम इसको ठीक करने के कुछ घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे।

घुटनों के दर्द का घरेलू इलाज - Home remedies for knee pain


1. हल्दी का दूध - Turmeric Milk


घुटनों के दर्द को ठीक करने का सबसे पहला देशी इलाज है हल्दी का दूध। हल्दी के दूध को गोल्डन मिल्क के नाम से भी जाना जाता है। यह कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है।

रोज रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर पीने से घुटनों के दर्द में बड़ा आराम मिलता है। हल्दी पाउडर की जगह आप अदरक की तरह कच्ची हल्दी भी कूटकर काम में ले सकते हैं। जिन्हें दूध से परेशानी है वो दूध की जगह पानी काम में ले सकते हैं।

यहाँ पर सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि दूध में हल्दी की कितनी क्वांटिटी काम में लेनी है? अलग-अलग लोग अलग अलग क्वांटिटी बताते हैं। कोई एक गिलास में एक चम्मच कोई आधा चम्मच बताता है।

हम आपको बताते हैं कि एक गिलास दूध में हल्दी की कितनी क्वांटिटी काम में लेनी है। आपको एक गिलास दूध में सिर्फ इतनी ही हल्दी डालनी है जितनी हल्दी से उस दूध में हल्का गहरा पीलापन आ जाये। अंदाजे से यह क्वांटिटी एक चौथाई चम्मच से भी कम होती है।

इसके साथ एक बात का ध्यान और रखना है। अगर हो सके तो आपको केवल आर्गेनिक हल्दी पाउडर ही काम में लेना है। आर्गेनिक हल्दी यानी जैविक विधि से तैयार हल्दी, इस हल्दी को बिना केमिकल के पैदा किया जाता है। आर्गेनिक हल्दी पाउडर बाजार में आसानी से मिल जाता है।

2. मेथी के दाने - Fenugreek seeds


घुटनों के दर्द को ठीक करने का दूसरा देशी इलाज है मेथी के दाने। मेथी के दानों को साबुत और पाउडर, दोनों तरीकों से काम में ले सकते हैं।

साबुत मेथी काम में लेने के लिए रात को एक ग्लास पानी में एक चम्मच मेथी भिगो कर रख दें। सुबह उठने के बाद इस मेथी के पानी को पी लें और ये भीगे हुए दाने चबा चबाकर खा लें।

मेथी को पाउडर फॉर्म में काम में लेने के लिए मेथी को कूटकर या सिलबट्टे पर पीसकर उसका पाउडर बना ले। इस पाउडर से एक चम्मच रोज रात को गुनगुने पानी के साथ लें।

साबुत मेथी और पाउडर मेथी में से ज्यादा कारगर साबुत मेथी होती है लेकिन अगर आप साबुत नहीं ले पा रहे हैं तो फिर पाउडर मेथी ले सकते हैं।

मिक्सी में पीसा हुआ मेथी का पाउडर भी उतना कारगर नहीं होता है जितना सिलबट्टे पर पीसा हुआ या कूटा हुआ।


3. अदरक - Ginger


घुटनों के दर्द को ठीक करने का तीसरा देशी इलाज है अदरक। सर्दी के दिनों में अदरक का प्रयोग बहुत फायदेमंद होता है।

यह घुटनों के दर्द के साथ-साथ दूसरे जोड़ों के दर्द, सूजन, साँस के रोगों जैसे खाँसी, जुकाम आदि में भी काफी कारगर है।

अदरक का प्रयोग चाय, सब्जी, चटनी और अचार के माध्यम से किया जाता है। इसका काढ़ा बनाकर भी काम में लिया जा सकता है।

4. तुलसी के पत्ते - Basil leaves


घुटनों के दर्द को ठीक करने का चौथा देशी इलाज है तुलसी के पत्ते। इस्तेमाल के लिए तुलसी के पत्तों का रस निकालकर गुनगुने पानी में मिलाकर पीना चाहिए। तुलसी के पत्तों को चाय में डालकर भी काम में लिया जा सकता है।

5. त्रिफला - Triphala


घुटनों के दर्द को ठीक करने का पाँचवाँ देशी इलाज है त्रिफला। आधा चम्मच त्रिफला पाउडर में आधा चम्मच गाय का घी और एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर रोज सुबह इस्तेमाल करना चाहिए। त्रिफला को अमृत के समान माना जाता है इसलिए इसे पानी के साथ भी लिया जा सकता है।

6. ग्वारपाठा - Aloe vera


घुटनों के दर्द को ठीक करने का छठा देशी इलाज है ग्वारपाठा। ग्वारपाठा को एलोवेरा कहा जाता है। एलोवेरा के गूदे यानी पल्प को निकालकर उसमें थोड़ा हल्दी पाउडर मिलाकर हल्का गर्म करके घुटने पर दर्द वाली जगह बाँधना चाहिए।

7. हल्दी और चूने का लेप - Turmeric and lime paste


घुटनों के दर्द को ठीक करने का सातवाँ देशी इलाज है हल्दी और चूने का लेप। इसके लिए चूने में थोड़ी हल्दी मिलाकर सरसों के तेल में हल्का गर्म करके घुटने पर दर्द वाली जगह लेप लगाकर रखना चाहिए।

8. सरसों का तेल - Mustard oil


घुटनों के दर्द को ठीक करने का आठवाँ देशी इलाज है सरसों का तेल। घुटनों पर नियमित रूप से सरसों के तेल की हल्की मालिश करनी चाहिए। सरसों के तेल से घुटने की मसल्स का कड़ापन थोड़ा कम होता है।

9. लौंग - Clove


घुटनों के दर्द को ठीक करने का नवां देशी इलाज है लौंग। लौंग के अन्दर दर्द को ठीक करने वाला गुण होता है। दाँतो और मसूड़ों के दर्द में यह विशेष रूप से फायदेमंद है।

घुटनों के दर्द के लिए लौंग के तेल में भीगी हुई रुई का फोहा रखना फायदेमंद हो सकता है। इस तेल की हल्की मालिश भी की जा सकती है।

10. कसरत - Exercise


घुटनों के दर्द को ठीक करने का दसवाँ देशी इलाज है कसरत। शरीर के किसी भी हिस्से को ठीक रखने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। यह एक्सरसाइज योग के रूप में या फिर मोर्निंग वाक के रूप में की जा सकती है।

लेकिन अगर आप घुटनों के दर्द से पीड़ित हैं तो आपको फिजियोथेरेपिस्ट की राय से घुटनों के लिए होने वाली विशेष एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। घुटनों की एक्सरसाइज से सबसे ज्यादा फायदा होता है।

उम्मीद है हमारे द्वारा बताई गई बातें आपके लिए काफी हेल्पफुल होंगी। अगर आप धैर्य के साथ इन तरीकों को आजमाएँगे तो ये तरीके निश्चित रूप से आपके लिए फायदेमंद होंगे।

घुटने के दर्द का कारण और देसी इलाज का वीडियो - Video of Home Remedies for Knee Pain in Hindi



लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

अस्वीकरण (Disclaimer)

आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं, इसमें दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई हो सकती है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है, इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। आलेख में दी गई स्वास्थ्य सम्बन्धी सलाह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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