स्वतंत्रता सेनानी कालिदास स्वामी - Freedom Fighter Kalidas Swami in Hindi

स्वतंत्रता सेनानी कालिदास स्वामी - Freedom Fighter Kalidas Swami in Hindi, इसमें जैतूसर गाँव के स्वतंत्रता सेनानी कालिदास स्वामी के जीवन की जानकारी है।

Freedom Fighter Kalidas Swami in Hindi

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आज हम जिस स्वतंत्र हवा में साँस ले रहे हैं, जो स्वतंत्र जीवन जी रहे हैं, यह हमें बहुत संघर्ष तथा त्याग के पश्चात मिला है।

एक दौर ऐसा भी था जब ऐसा महसूस होता था कि हमारी साँसे भी हमारी किस्मत की तरह गुलाम होकर रह गई है। यह वह दौर था जब देश अंग्रेजों की गुलामी का दंश झेल रहा था।

उस दौर में कुछ ऐसे लोगों ने जन्म लिया जिन्हें गुलामी की जिन्दगी न तो स्वयं को स्वीकार्य थी तथा न ही वो अपने राष्ट्र को गुलाम देखना चाहते थे।

बहुत से भारतीयों ने आजादी की लड़ाई में अपना सब कुछ खोकर भी प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से योगदान दिया था। सम्पूर्ण भारत में आजादी हासिल करने के लिए एक जुनून सा छा गया था।

आजादी की इस लड़ाई में श्रीमाधोपुर क्षेत्र का भी काफी हद तक सक्रिय योगदान रहा है। यहाँ की धरती ने भी कई स्वतंत्रता सेनानियों को जन्म दिया है जिन्होंने अपना सब कुछ खोकर भी आजादी प्राप्त करने की जिजीविषा को जिन्दा रखकर यथा संभव योगदान प्रदान किया।

श्रीमाधोपुर क्षेत्र के ऐसे ही एक कर्मठ तथा जुझारू स्वतंत्रता सेनानी का नाम है श्री कालिदास स्वामी। इनका नाम इस क्षेत्र के उन चुनिन्दा स्वतंत्रता सेनानियों में शुमार है जिन्होंने अपनी मात्र भूमि की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था।


श्री कालिदास स्वामी का जन्म 31 जनवरी 1931 को श्रीमाधोपुर क्षेत्र के जैतुसर गाँव में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। बाल्यकाल से ही इनके जीवन पर गाँधीजी का बहुत प्रभाव पड़ा जिसके फलस्वरूप इनका जीवन हमेशा सादगी पूर्ण रहा।

इन्होंने हमेशा सादा जीवन तथा उच्च विचार वाले सिद्धान्त को अपने जीवन में उतारकर उसी के अनुरूप ही जीवन जिया। इन्होंने मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात प्रभाकर काव्य तीर्थ तक की शिक्षा भी ग्रहण की।

एक सामान्य किसान परिवार में परवरिश होने के पश्चात भी इन्होंने अपने ज्ञान तथा प्रतिभा को इस कदर पल्लवित किया कि धीरे-धीरे इनकी पहचान एक बुद्धिजीवी तथा समाज सेवक के रूप में बन गई।

इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के साथ-साथ सामाजिक तथा राजनीतिक रूप से भी समाज के साथ जुड़े रहने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

विद्यार्थी जीवन में ही ये प्रजा मंडल तथा चरखा संघ के साथ जुड़कर स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़े। स्वतंत्रता आन्दोलन में इस प्रकार भाग लेने के कारण इनको तत्कालीन सीकर ठिकाने द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ़्तारी के बाद सजा के रूप में इन्हें लगभग एक माह की कठोर कैद (19 मार्च 1946 से 13 अप्रैल 1946) को भुगतने का आदेश हुआ। जेल से रिहा होने के पश्चात भी इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में किसी न किसी रूप में अपना योगदान देना जारी रखा।

आजादी के पश्चात इन्होंने शिक्षा के प्रचार और प्रसार को एक मिशन के रूप में लेकर अनुसूचित जातियों के बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से रींगस में एक हरिजन पाठशाला की शुरुआत की। इसी क्रम में इन्होंने 1958 ईस्वी में जैतुसर ग्राम में ज्ञानोदय विद्यापीठ की स्थापना की।

साहित्य के प्रति अपने असीम लगाव के चलते इन्होंने शोषण नामक एकाकी नाटक, श्री दादू चालीसा, श्री दादू पंच धाम, दादू नाम, बालक बोध नामक कई पुस्तकों की रचना की तथा साहित्य के क्षेत्र में भी अपना योगदान प्रदान किया।

महिला सशक्तिकरण के भी अनेक कार्यों में इन्होंने सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभाई। इन्होंने साहित्यिक तथा सामाजिक योगदान के अतिरिक्त राजनीतिक क्षेत्र में भी अपना सक्रिय योगदान दिया है।

इन्होंने 1954 से लेकर 1963 ईस्वी तक केन्द्रीय सहकारी बैंक के संचालक के रूप में कार्य करते हुए गाँव-गाँव तथा ढाणी-ढाणी तक सहकारिता का प्रचार किया।

जनता के बीच में इनकी लोकप्रियता का यह आलम था कि दिसम्बर 1960 में प्रथम बार जैतुसर ग्राम के सरपंच के रूप में निर्वाचित होने के पश्चात पूरे 28 वर्षों तक इस पद पर आसीन रहे। रींगस नगरपालिका में मनोनीत पार्षद के रूप में भी इन्होंने कार्य किया।

इनकी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति महोदय ने 2012 में इन्हें शॉल व पारितोषिक के साथ सम्मानित किया।

अभी इस आयु में भी इन्होंने सामाजिक कार्यों से मुँह नहीं मोड़ा है तथा वर्तमान में सैनी विकास समिति तथा बाबा विजयराम दास सेवा समिति को एक संरक्षक के रूप में अपनी सेवाएँ देते रहते हैं।

लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I am a registered pharmacist. I am a Pharmacy Professional having M Pharm (Pharmaceutics). I also have MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA and CHMS. Being a healthcare professional, I want to educate people to live a healthy life by providing health education to them. I also aware people about their lifestyle and eating habits by providing healthcare and wellness tips. Being a creator, I provide useful healthcare information in the form of articles and videos on various topics such as physical, mental, social and spiritual health, lifestyle, eating habits, home remedies, diseases and medicines. Usually, I travel at hidden historical heritages to feel the glory of our history. I also travel at various beautiful travel destinations to feel the beauty of nature.

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