ऐतिहासिक छतरी का इतिहास - Historical Cenotaph in Hindi

ऐतिहासिक छतरी का इतिहास - Historical Cenotaph in Hindi, इसमें श्रीमाधोपुर की एक ऐतिहासिक छतरी के बारे में उसके इतिहास सहित सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

Historical Cenotaph in Hindi

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श्रीमाधोपुर कस्बे में अधिक ऐतिहासिक धरोहरें मौजूद नहीं है और अगर कुछ धरोहरें मौजूद भी है तो उनकी दुर्दशा ही हो रही है।

कस्बे की इन ऐतिहासिक धरोहरों की बात की जाए तो कायथवालों की बावड़ी, दो बुर्ज, गढ़, दरवाजे वाले बालाजी का दरवाजा, भूतों की छतरियाँ, पंडित खुशाली राम मिश्र की हवेली, शेखावाटी की प्रसिद्ध हवेलियों में शुमार पंसारी की हवेली, कस्बे की स्थापना के समय का खेजड़ी का पेड़ एवं शिवजी का मंदिर, गोपीनाथजी का मंदिर आदि प्रमुख हैं।

अधिकाँश धरोहरें समय के थपेड़ों के साथ-साथ अपनों की अनदेखी के कारण नेस्तनाबूद होने की कगार पर पहुँच गई है। इन धरोहरों में कुछ की देखरेख हो रही है परन्तु अधिकतर अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्षरत हैं।

जब भी कभी हमारे पूर्वज आसमान से इन धरोहरों को निहारते होंगे तो इनकी बेकद्री देखकर निश्चित रूप से उदास हो जाते होंगे। आखिर हम श्रीमाधोपुर वासी अपने पूर्वजों की इन यादों को कब तक यूँ ही मूकदर्शक बनकर जमींदोज होते देखते रहेंगे?

आज हम एक ऐसी धरोहर के बारे में बात करेंगे जिसके सम्बन्ध में अधिकतर लोगों को पता नहीं है। यह है जीर्ण शीर्ण हालत में मौजूद निर्माण और उस पर बनी छतरी।

यह छतरी कोर्ट रोड पर बीएसएनएल ऑफिस के पास में स्थित है। देखने में यह निर्माण काफी पुराना प्रतीत होता है परन्तु इसके निर्माण के वर्ष एवं निर्माणकर्ता के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पाई।

यह निर्माण वर्गाकार रूप में मौजूद है जिसके चारों किनारों पर गोलाकार बुर्जनुमा निर्माण है। निर्माण के दो तरफ तिबारी, एक तरफ अन्दर जाने के लिए रास्ता एवं एक तरफ ऊपर जाने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई है।

अन्दर की तरफ कुछ कमरे बने हुए हैं जो शायद किसी के रहने के काम में आते होंगे। इस निर्माण के ऊपर एक भव्य एवं ऐतिहासिक छतरी बनी हुई है।


आज भी यह छतरी अपने उसी पुराने स्वरूप में मौजूद है। यह छतरी कहीं से भी क्षतिग्रस्त नहीं है। इस छतरी का गुम्बंद, छज्जे, टोडे आदि सभी सुरक्षित है।

छतरी पर कलात्मक चित्रकारी हो रखी है। इस चित्रकारी में बेल-बूँटे, फूल पत्तियाँ प्रमुख रूप से हैं। पशु आकृति में बने हुए छतरी के टोडे काफी कलात्मक हैं। चित्रकारी एवं टोडों की बनावट के कारण यह छतरी काफी भव्य दिखाई देती है।

प्रशासन या स्थानीय लोगों द्वारा अगर इस छतरी को सहेजा जाए तो यह भी निश्चित रूप से श्रीमाधोपुर की ऐतिहासिक पहचान को बनाए रखने में अपना योगदान देगी।

ऐतिहासिक छतरी का वीडियो - Video of Historical Cenotaph



ऐतिहासिक छतरी की फोटो - Photos of Historical Cenotaph


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लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I am a registered pharmacist. I am a Pharmacy Professional having M Pharm (Pharmaceutics). I also have MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA and CHMS. Usually, I travel at hidden historical heritages to feel the glory of our history. I also travel at various beautiful travel destinations to feel the beauty of nature. I write religious articles related to temples and spiritual places specially Khatu Shyamji also.

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