श्री महावीर दल अखाड़े का इतिहास - Mahavir Dal Akhada in Hindi

श्री महावीर दल अखाड़े का इतिहास - Mahavir Dal Akhada in Hindi, इसमें श्रीमाधोपुर के महावीर दल यानी अखाड़े के इतिहास सहित सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

Mahavir Dal Akhada in Hindi

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श्री महावीर दल श्रीमाधोपुर कस्बे में दरवाजे वाले बालाजी के सामने स्थित है तथा इसे “अखाड़ा” के नाम से भी जाना जाता है।

अपनी स्थापना के समय से ही यह मुख्यतया सामाजिक तथा धार्मिक कार्यों के साथ-साथ स्वास्थ्य सम्बंधित गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है। इन्हीं कार्यों की वजह से इसने स्वास्थ्य सुधार व स्वास्थ्य चेतना को घर-घर तक पहुँचाकर सभी को स्वास्थ्य तथा सेवा के लिए जागृत किया।

इन्हीं जन कल्याणकारी कार्यों की वजह से कस्बे के साथ-साथ सुदूर क्षेत्रों तक इसकी बहुत ख्याति है। श्री महावीर दल का इतिहास भी काफी रोचक रहा है। अगर इतिहास में जाकर देखें तो जहाँ पर आज महावीर दल स्थित है वहाँ पर कभी मिट्टी के बड़े-बड़े टीले हुआ करते थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 1938 में चैत्र शुक्ला पूर्णिमा पर हनुमान जयंती के दिन स्थानीय युवकों द्वारा दरवाजे वाले बालाजी के सामने स्थित एक टीले को समतल कर व्यायामशाला शुरू की गई।

व्यायामशाला के लिए श्री सूंडाराम गोठवाल के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया। इस व्यायामशाला में शारीरिक सौष्ठव तथा स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के साथ-साथ अन्य कलाओं जैसे लाठी चलाना, तलवार चलाना, परात फिराना, आग के गोले में से निकलना आदि पर भी ध्यान दिया जाता था।

व्यायामशाला के निकट स्थित कुएँ के आस पास की जमीन को भी श्रमदान कर समतल किया गया तथा पत्थर पर सिन्दूर लगाकर बालाजी की एक मूर्ति स्थापित की गई। इस सारे क्षेत्र के मिट्टी की डोली लगाकर सुरक्षित किया गया।

1948 में हनुमान जयंती के दिन बालाजी की इस मूर्ति के स्थान पर एक पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई। पंचमुखी हनुमान जी की यह मूर्ति श्री केदारमल कयाल द्वारा कलकत्ता से लाई गई थी।


इसी क्रम में कुछ वर्षों पश्चात 1955 में श्री बद्री नारायण सोढानी के अथक प्रयासों से यहाँ पर कुएँ के निकट एक पवन चक्की की स्थापना करवाई गई।

संस्था का पंजीकरण (पंजीयन क्रमांक 392/81-82) श्री विश्वनाथ गोठवाल के मंत्रित्व काल में श्री युगल किशोर नायन का जोशी के प्रयासों की वजह से हुआ।

इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य युवाओं में स्वास्थ्य तथा सेवा की भावना को विकसित करना है। यह संस्था अपने प्रादुर्भाव काल से ही जनसेवा के कार्यों में सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है।

इस समिति द्वारा श्रीमाधोपुर ही नहीं बल्कि दूर-दूर तक सामाजिक तथा जनहित के कार्यों में निस्वार्थ योगदान दिया जाता है।

वर्षों पूर्व शुरू हुए स्थानीय के साथ-साथ जीणमाता तथा भैरूजी के मेलों में पानी की सम्पूर्ण व्यवस्था, लोहार्गल के मेले में कुंड पर पानी की व्यवस्था आदि सामाजिक तथा जनोपयोगी कार्य आज भी अनवरत रूप से जारी है।

यह संस्था स्वास्थ्य सम्बन्धी शिविरों में भी अपनी निस्वार्थ सेवा को जारी रखे हुए है जिसके लिए अनेक प्रशस्ति पत्र संस्था की प्रशस्ति पुस्तिका में धरोहर के रूप में मौजूद है।

मंदिर के पुजारी श्री चौथमल जी ने अपनी मृत्यु पर्यन्त 2000 ईस्वी तक मंदिर तथा संस्था की सेवा पूजा का कार्य पूर्ण निस्वार्थ भाव से किया।

संस्था ने जीणमाता मंदिर परिसर के बाहर जन सुविधार्थ कुछ प्याऊ तथा एक बड़े हॉल का निर्माण भी करवाया था जहाँ पर आज भी हजारों श्रद्धालु लाभान्वित हो रहे हैं।

गोपीनाथजी के मंदिर के बाहर एक सार्वजनिक पुस्तकालय का निर्माण भी करवाया गया था जिसे बाद में नगर पालिका द्वारा रास्ते को चौड़ा करने के लिए तोड़ दिया गया।

प्रत्येक हनुमान जयंती को महावीर दल के स्वयं सेवकों द्वारा जुलूस के रूप में झाँकी  निकालकर उसे कस्बे में भ्रमण करवाया जाता है। जुलूस में तलवार बाजी, लाठी चलाना, आग के गोले से निकलना आदि का प्रदर्शन किया जाता है।

महावीर दल का इतिहास एक अखाड़े से शुरू होकर जन कल्याणकारी कार्यों तक पहुँच गया। यहाँ पर स्थित कुआँ एक समय पेयजल का प्रमुख स्रोत हुआ करता था।

कस्बे के सभी लोगों का आत्मीय सम्बन्ध महावीर दल से किसी न किसी रूप में अवश्य रहा है फिर चाहे बचपन में अखाड़े में बिताए पल हों या फिर हनुमान जी के मंदिर में बिताए श्रद्धापूर्ण क्षण हों या फिर एक स्वयं सेवक के रूप में जन कल्याणकारी कार्यों में अपनी भूमिका का निर्वाह करते समय रहा हो।

श्री महावीर दल का वीडियो - Video of Mahavir Dal Akhada



श्री महावीर दल की फोटो - Photos of Mahavir Dal Akhada


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लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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Ramesh Sharma

My name is Ramesh Sharma. I am a registered pharmacist. I am a Pharmacy Professional having M Pharm (Pharmaceutics). I also have MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA and CHMS. Usually, I travel at hidden historical heritages to feel the glory of our history. I also travel at various beautiful travel destinations to feel the beauty of nature. I write religious articles related to temples and spiritual places specially Khatu Shyamji also.

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